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Winter Health Tips : डॉ. संतोष मौर्य ने कहा कि सर्दियों में इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर लोग दवाइयों पर निर्भरता कम कर सकते हैं. नियमित रूप से काढ़े का सेवन करने से न केवल सर्दी-खांसी से राहत मिलती है, बल्कि शरीर भी प्राकृतिक रूप से मजबूत बनता है. (रिपोर्ट: दीपक पांडे/खरगोन)
ठंड का मौसम शुरू होते ही सर्दी, खांसी और बुखार जैसी परेशानियां आम हो जाती हैं. बदलते मौसम में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे लोग जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं.

बार-बार डॉक्टर के पास जाना और दवाइयों पर खर्च करना हर किसी के लिए आसान नहीं होता. ऐसे में आयुर्वेद में बताए गए देसी नुस्खे काफी कारगर साबित हो सकते हैं.

खरगोन आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. संतोष मौर्य बताते है कि, ठंड के दिनों में अगर शरीर को अंदर से गर्म रखा जाए तो सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है. उन्होंने बताया कि घर के किचन में मौजूद सौंठ, मरीच, पीपली, अदरक, तुलसी और काली मिर्च जैसी औषधीय चीजों से तैयार किया गया काढ़ा इस मौसम में बेहद फायदेमंद है.

काढ़ा बनाने के लिए एक कप पानी में सभी सामग्री को मिलाकर तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए. फिर इसे छानकर हल्का गुनगुना होने पर पी लें. डॉ. मौर्य का कहना है कि इस काढ़े का सुबह और शाम तीन दिन तक लगातार सेवन करने से सर्दी-खांसी में काफी राहत मिलती है.

जरूरत पड़ने पर इसे सात दिन तक भी लिया जा सकता है. यह शरीर को गर्म रखता है और गले की खराश, बलगम और बुखार जैसी समस्याओं को दूर करता है. इसके अलावा त्रिकटु चूर्ण और गिलोय का चूर्ण भी सर्दियों में बेहद लाभकारी हैं.

त्रिकटु चूर्ण को शहद के साथ या फिर तुलसी और अदरक के साथ गुनगुना बनाकर लिया जा सकता है. वहीं गिलोय का चूर्ण रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और संक्रमण से बचाने में मदद करता है.

दोनों ही औषधियां आयुर्वेदिक दुकानों और अस्पतालों में आसानी से उपलब्ध हैं. डॉ. मौर्य ने कहा कि सर्दियों में इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर लोग दवाइयों पर निर्भरता कम कर सकते हैं.

नियमित रूप से काढ़े का सेवन करने से न केवल सर्दी-खांसी से राहत मिलती है, बल्कि शरीर भी प्राकृतिक रूप से मजबूत बनता है. उन्होंने सलाह दी कि ठंड के दिनों में गुनगुना पानी पिएं, हल्का और पौष्टिक भोजन करें तथा सुबह की धूप जरूर लें.