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okhru Health Benefits: गोखरू एक ऐसा औषधीय पौधा है जो आयुर्वेद में वात, पित्त और कफ दोषों को संतुलित करने के लिए उपयोग होता है. इसके सेवन से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल बढ़ता है, शरीर की ताकत बढ़ती है, और यह हृदय रोग, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर जैसी समस्याओं को नियंत्रित करता है. मूत्राशय और किडनी स्टोन जैसी समस्याओं में भी यह कारगर है.
प्रकृति में ऐसे अनेकों पेड़ पौधे पाए जाते हैं, जो मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. ऐसा ही एक पौधा है गोखरू. खरपतवार की तरह दिखने वाला यह पौधा आयुर्वेद में बहुत उपयोगी है. गोखरू के फल से आयुर्वेदिक दवाइयां बनती है. प्राचीन समय से गोखरू औषधि का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में होता आ रहा है.

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि गोखरू के सेवन से वात, कफ़, और पित्त दोष दूर होते है. वहीं, गोखरू पुरुषों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. इसके नियमित सेवन से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ता है और शारीरिक ताकत भी मजबूत होती है. इसके अलावा हृदय से जुड़ी बीमारियों को दूर करने में सहायक है. यह खून में कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और बीपी की समस्या को भी दूर करता है.

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि गोखरू का पाउडर बनाकर पानी के साथ उबालकर पी सकते हैं. बाजार में गोखरू पाउडर उपलब्ध है. इसके अलावा इसका प्रयोग अर्क के रूप में भी किया जा सकता है. वहीं काढ़ा के रूप में भी गोखरू का प्रयोग किया जाता है. गोखरु के तने का काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है.

दमे के रोगियों के लिए गोखरू का पौधा किसी रामबाण औषधि से कम नहीं है. गोखरू से बना चूर्ण का सेवन करने से रोगी जल्दी आराम मिलता है. 2 ग्राम गोखुर के फल चूर्ण को 2-3 नग सूखे अंजीर के साथ दिन में तीन बार कुछ दिनों तक लगातार सेवन करने से दमा में लाभ होता है. गोखरू तथा अश्वगंधा को समान मात्रा में लेकर उसके थोड़े चूर्ण में 2 चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार 250 मिली दूध के साथ सेवन करने से सांस संबंधी समस्या एवं कमजोरी में लाभ मिलता है.

आयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार, गोखरू मूत्रवर्धक, शक्तिवर्धक और वात-पित्त शामक गुणों से युक्त होता है. गोखरू मूत्राशय और गुर्दे की पथरी को निकालने में सहायक है. यह मूत्र संक्रमण (यूटीआई) और प्रोस्टेट वृद्धि जैसी समस्याओं को दूर करता है. इसके अलावा गोखरू कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर हृदय रोगों से बचाव करता है.

इसके अलावा यह शरीर की थकान दूर कर स्टेमिना बढ़ाता है, जिससे एथलीट्स और शारीरिक श्रम करने वालों को लाभ मिलता है. मानसून के बाद बड़ी मात्रा में बंजर भूमि पर खरपतवार की तरह बंजर जमीन पर यहां पौधा उगता है. सूखने के बाद गोखरू के बीजों से आयुर्वेदिक दवाइयां बनती है. मेडिकल स्टोर पर आसानी से गोखरू से बने अनेकों आयुर्वेदिक दवाइयां आसानी से मिल जाती है.