यात्रा में हनुमान चालीसा की किताब अपने ले जाना सही है या गलत ?

Hanuman Chalisa: हनुमान जी की भक्ति का सबसे सरल उपाय है हनुमान चालीसा का पाठ करना. शास्त्रों के अनुसार जो इसका नियमित रूप से पाठ करता है उसे कई लाभ मिलते हैं, जैसे मानसिक शांति, शारीरिक पीड़ा से लड़ने की शक्ति, भय और संकटों से छुटकारा.

हनुमान चालीसा में गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है ‘जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साखी गौरीसा’… जो भी भक्त हनुमान जी महाराज की पूजा आराधना उनका पाठ करता है, उसके सभी काम सिद्ध हो जाते हैं. कई लोग आमतौर पर अपने कार्य को लेकर या निजी काम से यात्रा पर रहते हैं ऐसे में वो पोथी, धार्मिक पुस्तक भी अपने साथ ले जाते हैं लेकिन क्या यात्रा में हनुमान चीलासा की किताब रखना सही है आइए जानते हैं.

यात्रा पर हनुमान चालीसा ले जाना सही या गलत ?

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास समय नहीं है, ऐसे में वो मेट्रो, बसों या यात्रा के समय हनुमान चालीसा की किताब साथ ले जाते हैं और रास्ते में उसका पाठ करते हैं. हनुमान चालीसा एक बेहद पवित्र किताब है ऐसे में यात्रा के दौरान अगर आप इसकी पवित्रता का ध्यान रखते हैं तो इसे सफर में ले जाने में कोई परेशानी नहीं. शास्त्रों में भी बताया गया है कि किसी भी धार्मिक पुस्तक को हमेशा साफ और पवित्र स्थान पर रखना चाहिए, नहीं तो इसके पठन से कोई लाभ नहीं मिलता बल्कि व्यक्ति को दोष जरुर लगता है.

इन नियमों का करें पालन

  • हनुमान चालीसा को यात्रा के समय गंदी पॉलिथिन या कपड़े में न रखें.
  • इसे चमड़े के बैग में नहीं रखना चाहिए. शौचालय जाते हैं तो इसे हाथ धोने के बाद ही स्पर्श करें.
  • इसे ऐसी जगह न रखें जहां तामसिक भोजन रखा हो.
  • पाठ करने के बीच बातचीत न करें. रोजाना इसका पाठ करते हैं तो स्वच्छ कपड़े ही पहनें.

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