Gulgula: आटे-गुड़ से तैयार होता है ये मीठा…साथ में चने-टमाटर की चटनी, आलू का झोल, कीमत 50 पैसे प्रति पीस!

Gumla Famous Nashta In 50 Paise: आज के इस आधुनिक युग में फास्ट फूड का जबरदस्त चलन है. ऐसे में लोग घर से ज्यादा बाहर का स्वादिष्ट, जायकेदार खाना ज्यादा पसंद करते हैं. साथ ही आजकल मार्केट में एक से बढ़कर एक फास्ट फूड आ गए हैं, जो भी काफी ट्रेंड में हैं. इसके बावजूद आदिवासियों के पारंपरिक खाने गुलगुला की मांग आज भी बनी हुई है. बता दें कि गुमला जिला आदिवासी बहुल इलाका है और आदिवासियों का प्रसिद्ध नाश्ता गुलगुला आज भी पूरे जिले में बड़े स्तर पर पसंद किया जाता है.

50 पैसे प्रति पीस है कीमत
गुमला जिले के सिलम खटखोर बगीचे में मिलने वाला गुलगुला अपने स्वाद और कीमत के कारण काफी मशहूर है. यहां इतनी महंगाई के बावजूद आज भी मात्र 50 पैसे प्रति पीस की दर से गुलगुला परोसा जाता है. यानी इस महंगाई में भी मात्र ₹10 में आपका पेट भर जाएगा.

गुमला जिले के अलग-अलग गांवों से लोग यहां गुलगुला खाने के लिए आते हैं. इसे आटे से तैयार किया जाता है, इसलिए यह खाना स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित माना जाता है और बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी इसे पसंद करते हैं.

10 साल से बना रहे गुलगुला
स्टॉल के संचालक बैद्यनाथ गोप ने लोकल 18 को बताया कि “मैं सिलम अंबाटोली का रहने वाला हूं और सिलम खटखोर बगीचा में 10 साल से छोटे से ठेले में होटल चला रहा हूं. हमारे यहां का जिले का प्रसिद्ध देसी खाना गुलगुला काफी मशहूर है. यहां की महिलाएं बच्चों को मिठाई के रूप में देने के लिए इसे खास तौर पर ले जाती हैं और बच्चे भी हमारे यहां का गुलगुला बहुत पसंद करते हैं.

लोग खाते भी हैं, पैक भी कराते हैं
यहां का गुलगुला पूरे जिले में मशहूर है क्योंकि हमारे यहां का स्वाद और रेट दोनों लाजवाब हैं. हमारे यहां इतनी महंगाई में भी मात्र 10 रुपए में 20 पीस गुलगुला परोसा जाता है, जिससे आपका पेट जरूर भर जाएगा और सेहत पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा. ऐसा गुलगुला आस-पास के अलावा जमगई, लौकी, रुकरूम, रायडीह के अलावा गुमला जिले के अन्य जगहों से लोग खास तौर पर खाने के लिए आते हैं और पैक भी कराकर ले जाते हैं.”

इसे तैयार भी काफी अलग तरीके से किया जाता है. इसे आटा और गुड़ से बनाया जाता है और आज भी पारंपरिक तरीके से शुद्ध लकड़ी के चूल्हे पर पकाया जाता है और शुद्ध सखुआ के दोने में परोसा जाता है.

इस तरह से किया जाता है तैयार
1 किलो आटे में डेढ़ से दो सौ ग्राम गुड़ लेकर गर्म पानी में डालकर गुड़ को मिलाते हैं. फिर आटे में डालकर फेंटते हैं, फिर आधा घंटा छोड़ देते हैं. उसके बाद रिफाइंड तेल में छानकर गरमागरम लोगों को परोसते हैं. वहीं गुलगुला को आलू-टमाटर की सब्ज़ी, कद्दू की सब्ज़ी या मौसम के अनुसार जो सब्जी मिलती है, उसके साथ परोसते हैं.

इसके अलावा चना और टमाटर की खास चटनी के साथ लोगों को गरमागरम परोसा जाता है. ये दुकान सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक खुली रहती है. इसके अलावा यहां समोसा, धुसका, बर्रा, इडली, पकौड़ी वगैरह भी मिलते हैं.

ग्राहक भी फिदा
वहीं दुकान पर खाने पहुंचे विवेक ने बताया कि “यहां के गुलगुला का स्वाद और रेट दोनों काफी अच्छे हैं. मैं अक्सर यहां गुलगुला खाने के लिए गुमला शहर से लगभग 7 किमी का सफर तय करके आता हूं, क्योंकि यहां इतनी महंगाई में भी मात्र 10 रुपये में स्वादिष्ट और पेटभर नाश्ता मिलता है.”

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