नईदुनिया प्रतिनिधि, सतना। रेलवे स्टेशन के पास अंधेरी पुलिया मंगलवार शाम रणभूमि में बदल गई। भीड़-भाड़ के बीच गोलियों की गूंज ने लोगों को दहशत में डाल दिया। निशाना था एक ऑटो चालक नवी अहमद (35) जिसके कान को छूकर मौत सरसराती हुई निकल गई।
कैसे हुआ हमला
नवी अहमद अपने ऑटो में एक महिला यात्री को लेकर गुजर रहा था। कोतवाली थाने के सामने हल्का-सा ऑटो का धक्का एक कार को क्या लगा l कार चालक का गुस्सा बारूद में बदल गया।
पीछा किया, अंधेरी पुलिया पर रोका… और धायं!
गोली सीधी नवी के कान के पास से निकल गई, खून बहा, पर जान बच गई।
पुलिस की रोलर-कोस्टर जिम्मेदारी
घबराया ऑटो चालक दौड़ता हुआ कोतवाली थाने पहुंचा। पुलिस मौके पर गई, देखा… और फिर बेहद गंभीरता से बोली—“यह तो जीआरपी का मामला है।”
बस, फिर क्या… केस जीआरपी को ट्रांसफर, शिकायत दर्ज, मेडिकल कराया गया और जांच के नाम पर फाइलें सरकने लगीं। आरोपी अब भी हवा में है, जैसे सतना की हवा में कानून का भरोसा भी उड़ गया हो।
GRP की “स्टाइलिश” कार्यशैली
पहला स्टेप : घटना हो जाने का इंतज़ार
दूसरा स्टेप : केस को अपने नाम दर्ज करना
तीसरा स्टेप : “जांच जारी है” का बयान देना
चौथा स्टेप : आरोपी के पकड़े जाने पर आश्चर्य जताना
इसे भी पढ़ें… भूल जाइए डायल 100, पुलिस बुलाने के लिए आज से 112 डायल करें
.