Home Easy Organic Gardening Hack Tips Tricks : सर्दियों की सुबहें और ताजा साग- दोनों ही भारतीय रसोई का अहम हिस्सा हैं. अब आपको बाजार से साग खरीदने की जरूरत नहीं. थोड़ी सी मेहनत और देखभाल से आप अपने घर में ही 100% ऑर्गेनिक और ताजा चने का साग उगा सकते हैं. हर सुबह बालकनी से ताजे पत्ते तोड़कर खाने का स्वाद और संतोष- दोनों ही दुगुना हो जाता है.
जैसे ही ठंड का मौसम शुरू होता है, बाजार में सरसों, मेथी, पालक और चने का साग दिखाई देने लगता है. लेकिन आजकल अधिकतर सब्जियों में रासायनिक खाद और कीटनाशक का उपयोग होता है. ऐसे में चने का साग घर पर उगाना सबसे सुरक्षित और किफायती विकल्प है. गार्डनिंग एक्सपर्ट सुनील पटेल कहते हैं “चना साग का पौधा तेजी से बढ़ता है और इसे किसी विशेष देखभाल की जरूरत नहीं होती. बस धूप, हल्की मिट्टी और नियमित पानी का ध्यान रखें.”
चना साग उगाने के लिए आपको चाहिए
- देशी चने के बीज
- 8-10 इंच गहरा गमला या ट्रे
- उपजाऊ मिट्टी या पॉटिंग मिक्स
- गोबर की खाद या कम्पोस्ट
- धूप और हल्का पानी
मिट्टी तैयार करने का तरीका
मिट्टी को हल्का और भुरभुरा रखें. आधी मिट्टी में गोबर की खाद या जैविक कम्पोस्ट मिलाएं. थोड़ा रेत मिलाने से जल निकासी अच्छी रहती है. गमले के नीचे छेद जरूर रखें ताकि पानी जमा न हो. ध्यान दें कि मिट्टी बहुत सख्त न हो, वरना अंकुरण में दिक्कत आती है.
बीज बोने की विधि
चने के बीजों को 6-8 घंटे भिगो दें. फिर 1-2 इंच गहराई में बीज बोकर 2-2 इंच की दूरी रखें. हल्की मिट्टी से ढकें और फुहार से पानी दें. ध्यान रखें मिट्टी नम रहे, गीली नहीं.
देखभाल के टिप्स
- गमले को ऐसी जगह रखें जहाँ 4-5 घंटे धूप मिले.
- हर दो दिन में हल्का पानी स्प्रे करें.
- सर्दियों में बहुत ज्यादा पानी न दें.
- कीड़े दिखें तो नीम तेल का छिड़काव करें.
फसल और फायदे
25-30 दिनों में चने का साग तोड़ने के लिए तैयार हो जाता है. गहरे हरे, कोमल पत्ते दिखने पर कैंची से ऊपर से काटें. जड़ न निकालें, ताकि नई टहनियां फिर निकल सकें. चना साग में प्रोटीन, फाइबर, आयरन और विटामिन भरपूर होते हैं. यह एनीमिया, पाचन और त्वचा के लिए फायदेमंद है.
इसे आप पराठा, भाजी, बेसन या सूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. स्वादिष्ट, सेहतमंद और पूरी तरह ऑर्गेनिक. अब बाजार से नहीं, अपने घर से तोड़िए हरा चना साग क्योंकि असली सेहत वहीं है जहाँ मेहनत और मिट्टी की खुशबू हो.
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