राहुकाल और शुभ-मुहूर्त से भी आगे न‍िकला Gen-Z, अब कुंडली देख प्‍लान कर रहे हैं हनीमून और वेकेशन

अगर आपको अपनी पत्‍नी, परिवार या दोस्‍तों के साथ कोई ट्र‍िप प्‍लान करना है, तो उसके ल‍िए सबसे पहले क्‍या जरूरी है…? ट्रैवल की ट‍िकिट, पैक‍िंग, शॉप‍िंग या प्‍लान‍िंग… इस सवाल का सही जवाब है कुंडली और ग्रहों की दशा. सुनकर भले ही ये आपको थोड़ा अटपटा लगे लेकिन सच ये है कि अब Gen-Z के ल‍िए ट्रैव‍ल प्‍लान‍िंग में सही सबसे जरूरी चीज है. बुकिंग.कॉम की लेटेस्ट ट्रैवल प्रेडिक्शन्स 2026 रिपोर्ट कहती है कि 74% भारतीय ज्योतिषी की चेतावनी पर ट्रिप कैंसल कर देते हैं. 70% कुंडली में कोई परेशानी या ग्रहों की चाल बदलता देखकर वेकेशन रद्द करते हैं. ऐसा नहीं है कि मुहूर्त और कुंडली का ये चलन नया है, लेकिन अब लोग ज‍िस तरह इसमें रुचि द‍िखा रहे हैं, वो हैरान करने वाला है.

जेन Z (73%) और मिलेनियल्स (64%) स्पिरिचुअल ट्रिप्स चुनते हैं. ज्योतिषी सिद्धार्थ कुमार बताते हैं, डेस्टिनेशन, डेट्स, सीट्स कई लोग सब कुछ कुंडली से ही तय करते हैं. ये ट्रेंड बिजनेस बदल रहा और एस्ट्रो-टूरिज्म का बूम आ रहा है. 64% लोग प्लानिंग में ही स्पिरिचुअल, ज्योतिषीय या कॉस्मिक फैक्टर्स को ध्यान में रखते हैं—चंद्र चक्र, सोलस्टाइस साइकल्स या एनर्जी-रिच जगहों से मैच करके.

ट्रैवल प्लानिंग कैसे हो रही ‘कॉस्मिक’?
ट्रैवल का टोन अब बदल रहा है. बुकिंग.कॉम के साउथ एशिया रीजनल मैनेजर संतोष कुमार कहते हैं, “2026 में ट्रैवल ज्यादा डीप और स्पिरिचुअल हो जाएगा. ट्रैवलर्स यूनिवर्स से गाइडेंस ढूंढ रहे हैं, सिर्फ इंस्पिरेशन नहीं.” पहले ट्रैवलर्स एस्केप (भागने) के चक्कर में थे. अब एलाइनमेंट (मेल खाने) के पीछे हैं. संतोष कुमार बताते हैं. “ट्रैवल अब सिर्फ नई जगहें डिस्कवर करने का नहीं, ये खुद से रीकनेक्ट करने का है. एक्सप्लोरेशन अब पर्सनल एलाइनमेंट बन गया, दुनिया और खुद से.”

लोग र‍िश्‍ते बचाने के ल‍िए ट्रपि पर भी शुभ मूहूर्त देख रहे हैं.

बुकिंग.कॉम की रिपोर्ट में इंडियन ट्रैवलर्स में यंगर जेनरेशन इस अप्रोच के लीडर हैं. ये जनरेशनल शिफ्ट दिखाता है—ट्रैवल अब सिर्फ लीजर नहीं, लाइफस्टाइल, इनर जर्नी और कभी-कभी थेरेपी है.

ट्रैवल से पहले जन्म कुंडली क्यों चेक करें?
दिल्ली बेस्ड ज्योतिषी, न्यूमरोलॉजिस्ट और नुमरोवाणी के फाउंडर सिद्धार्थ एस कुमार कहते हैं “पिछले एक साल में मैंने कई लोगों को उनकी जन्म कुंडली बेस्ड ट्रैवल प्लान्स पर एडवाइज किया,” वे कहते हैं. “इंटरेस्ट 80% बढ़ गया. मेरे 80% रिपीट क्लाइंट्स हैं—फैमिलीज, जेन Z ट्रैवलर्स और वर्किंग प्रोफेशनल्स, जो हर क्वार्टर में डेस्टिनेशन, डेट्स, सीटिंग और रिचुअल्स चुनने आते हैं.” वो आगे बताते हैं कि उनके कंसल्टेशन्स स्ट्रक्चर्ड होते हैं. “मुख्य दो टाइप्स के रिक्वेस्ट्स आते हैं,” वे एक्सप्लेन करते हैं. “कुछ ने ट्रिप प्लान कर ली है और जानना चाहते हैं कि हैसल-फ्री होगी या कैसे बनाएं. बाकी जीरो से शुरू करते हैं—प्लेस चुनने, बेस्ट डेट्स, और जगह की एनर्जी को उनकी लाइफ स्टेज से मैच करने में हेल्प.”

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दरअसल पिछले कुछ समय में ऐसी घटनाएं हुई हैं, ज‍िनके बाद लोग यात्रा से पहले शुभ मुहूर्त, ग्रहों की दशा और चाल जैसी चीजों पर ज्‍यादा ध्‍यान देने लगे हैं. जैसे अहमदाबाद में एयरइंड‍िया के प्‍लेन क्रैश की घटना या मेघालय हनीमून के ल‍िए गए सोनम और राजा रघुवंशी की आपराध‍िक वारदात. प‍िछले कुछ महीनों में तो पहाड़ों में कई यात्र‍ियों के बादल फटने से जान गंवाने या घायल होने की खबरें आईं. ऐसे में लोगों का व‍िश्‍वास इस तरफ और भी बढ़ जाता है कि आप अपनी यात्रा को ज्‍योत‍िषीय नजर‍िए से सुरक्ष‍ित करें.

ज्योतिष यहां सिंबॉलिक नहीं—प्रैक्टिकल, पर्सनलाइज्ड है

सीट नंबर्स भी मायने रखते हैं? ज्‍योत‍िष के आधार पर अपना वेकेशन प्‍लान करने का ये ट्रेंड डेस्टिनेशन पर ही नहीं रुकता. सिद्धार्थ और गहराई में जाते हैं. “मैं ट्रैवल डेट्स, सीट नंबर्स, एयरपोर्ट गेट्स और सिंपल रिचुअल्स पर एडवाइज देता हूं. सब कुछ एनर्जेटिकली असेस होता है.” ये सवाल सबसे ज्‍यादा पूछे जाते हैं…
– “ट्रैवल के बेस्ट डेट्स कौन से?”
– “फ्लाइट में कौन सी सीट चुनें?”
– “टेकऑफ से पहले कौन से रिचुअल्स या मंत्र पढ़ें?”

जो लोग ज्‍यादा ट्रैवल करते हैं, वही डेस्टिनेशन से जुड़े सवाल पूछते हैं. फर्स्ट-टाइमर्स इंटरेस्ट बेस्ड चुनते हैं. “मैं उनसे कुछ प्लेसेस शॉर्टलिस्ट करने को कहता हूं. फिर ज्योतिष से मैच करके सजेस्ट करता हूं. इंटरेस्ट और ज्योतिष का मेल विन-विन है.”

Gen Z में क्‍यों द‍िख रहा है ये बदलाव
जनरेशन Z यानी Gen Z डिजिटल युग में बड़ी हुई है, जहां सोशल मीडिया, ऐप्स और इंस्टा लाइव्स ने ज्योतिष को नया कूल बना दिया है — अब यह लाइफस्टाइल चॉइस है, न कि सिर्फ अंधविश्वास. इनकी जिंदगी में करियर, रिश्ते, फाइनेंस—सब कुछ अनिश्चित है, इसलिए उन्हें ज्योतिष में एक तरह की आश्वस्ति और एक्सपर्ट से इमोशनल कम्फर्ट मिलता है. थेरेपी महंगी है, पर ज्योतिष सस्ता और आसान लगता है.

ट्रैवल में बढ़ता ज्योतिष का ट्रेंड

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