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Gardening Tips: मानसून के मौसम में हवा में नमी बढ़ जाती है और बार-बार बारिश होने की वजह से पौधों की मिट्टी में पानी जमा हो सकता है, जिससे पौधों को नुकसान हो जाता है. सही देखभाल न होने पर पौधे कमजोर हो जाते है और इसमें फफूंदी या कीट लग सकते हैं और जड़ें सड़ सकती है. गमलों को छायादार और हवादार जगह रखें, ज्यादा पानी से बचें और ड्रेनेज होल्स साफ रखें. मिट्टी में हल्दी या अदरक पाउडर छिड़कें और नीम के पानी का छिड़काव करें.
बरसात में पौधों को बचाना और उनका सही ख्याल रखना बहुत जरूरी हो जाता है. सही देखभाल न होने पर पौधे कमजोर हो सकते हैं, फफूंदी या कीट लग सकते हैं और जड़ें सड़ सकती हैं. कुछ घरेलू टिप्स अपनाकर गमलों में लगे पौधों को बारिश में सुरक्षित रख सकते हैं और उन्हें स्वस्थ बनाए रख सकते हैं.

मानसून में पौधों को ऐसी जगह रखें, जहां उन्हें हल्की धूप और अच्छी हवा मिल सके. तेज बारिश से सीधे बचाएं, क्योंकि ज्यादा पानी जड़ें सड़ने का कारण बन सकती है. घर के अंदर या छायादार शेड वाली जगह पर गमले रखना बेहतर रहता है. इससे हल्की हल्की धूप मिलती रहेगी और अतिरिक्त पानी को भी सोख लेंगी.

बारिश के मौसम में गमले में अधिक पानी भरने से जड़ें सड़ने लगती हैं. ड्रेनेज होल्स को जरूर साफ रखें ताकि पानी निकले और गमला में पानी जमा न रह सके. पानी भरने या निकालने का ध्यान रखना चाहिए ताकि मिट्टी जरूरत से ज्यादा गीली नही हो.

गमले की मिट्टी में छोटे-छोटे छेद करना जरूरी होता है, जिससे उसमें हवा और पानी का उचित संचार होता रहे. साथ ही रेतीली या मल्चिंग वाली मिट्टी का उपयोग करना चाहिए जो जल निकासी में मदद करती है. मानसून में बारिश के कारण पौधों को अतिरिक्त पानी देने की जरूरत नहीं होती है. मिट्टी सूखी महसूस होने पर ही पानी देना चाहिए ताकि पौधों की जड़ें खराब न हों.

पौधों की पत्तियों को फफूंदी से बचाने के लिए हल्दी या अदरक पाउडर मिट्टी में छिड़कना चाहिए. इसके साथ ही नीम के पत्तों का पानी बनाकर पत्तियों और मिट्टी पर स्प्रे करना चाहिए जो प्राकृतिक कीटनाशक का काम करता है. बारिश के मौसम में पौधों की पत्तियों पर फफूंदी या सड़न लगना आम बात है. ऐसे में संक्रमित पत्तों को तुरंत हटा दें ताकि बीमारी पूरे पौधे में न फैल सके.

मानसून में पौधों को ज्यादा खाद नही देंनी चाहिए, क्योंकि इससे कड़ापन आ सकता है और पौधे कमजोर हो सकते हैं. कंपोस्ट या वर्मीखाद की कम मात्रा इस्तेमाल करनी चाहिए. बारिश के दौरान कीटों की समस्या बढ़ सकती है. नीम के तेल या एलोवेरा जेल जैसी प्राकृतिक सामग्री से स्प्रे करना चाहिए जिससे पौधों को स्वस्थ और कीट मुक्त रख सकते हैं.
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