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Bhilwara Famous Food: भीलवाड़ा की शाहपुरा रियासत ऐतिहासिक धरोहरों और ‘सोहन जी पकौड़ी-भुजिया वाले’ की पकौड़ी के लिए मशहूर है, जिसका स्वाद राजा-महाराजा से लेकर अफसरों तक को भाता है.
हाइलाइट्स
- 130 सालों से पकौड़ी बना रहा है यह परिवार
- शाहपुरा के राजा भी थे पकौड़ी के मुरीद
- बारिश में पकौड़ी खाने वालों की भीड़ लग जाती है
आज के दौर में न केवल आम लोग बल्कि सरकारी अफसर और अधिकारी भी इनकी पकौड़ी के स्वाद के दीवाने हैं. पकौड़ी का ऐसा स्वाद है कि जिसने एक बार खा लिया, वह दूसरी बार कहीं और नहीं जाता. शाहपुरा शहरवासियों का जबरदस्त रिस्पॉन्स इन्हें मिलता है. इनके मुताबिक, बारिश के मौसम में तो पकौड़ी खाने वालों की इतनी भीड़ लग जाती है कि कभी-कभी विवाद तक हो जाता है.
विनीत गौड़ ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि 130 सालों से लगातार चार पीढ़ियों से उनका परिवार पकौड़ी और मिर्ची बड़े बना रहा है. उन्होंने कहा कि शाहपुरा के राजा उमेद सिंह जी भी उनके दादाजी की बनाई पकौड़ी के शौकीन थे. उस समय राजघराने की ओर से उन्हें हर महीने एक रुपया दिया जाता था, जिसके बदले वे खास ‘बोगड़ा खास’ में पकौड़ी बनाकर भेजते थे. राजा जब शिकार से लौटते थे, तो पकौड़ी खाना उनकी परंपरा का हिस्सा बन चुका था.
पकौड़ी के शौकीन अफसर भी बन गए ग्राहक
विनीत गौड़ ने बताया कि आज के दौर में भी कई अफसर उनकी पकौड़ी खाने के बाद उसके स्वाद के इतने आदी हो जाते हैं कि ट्रांसफर होने पर भी वे यहां से पकौड़ी पैक करवा कर ले जाते हैं. पूर्व जिला कलेक्टर मंजू राजपाल और पूर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भी उनके नियमित ग्राहक रहे हैं. उन्होंने बताया कि यह पकौड़ी स्वाद, परंपरा और विरासत तीनों का संगम है, जो शाहपुरा को बाकी शहरों से अलग बनाता है.
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