Feet Touching Ritual: उम्र से बड़ा हो या बुजुर्ग, फिर भी न छूएं ऐसे लोगों के पैर…दरवाजे पर दस्तक देगी कंगाली!

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Hindu Feet Touching Rules: हिंदी धर्म में अपने से बड़ों को सम्मान देने के लिए पैर छूने की परंपरा है, लेकिन इसकी कुछ सीमाएं भी है. आइए जानते हैं इसके बारे में.

शुभम मरमट / उज्जैन. हिन्दू धर्म में लोग अक्सर अपने से उम्र या रिश्ते में बड़े लोगों के पैर छूकर उनका अभिवादन करते हैं. पैर छूना हमारे संस्कार और संस्कृति का प्रतीक है. अपने बड़े और श्रेष्ठजन के अलावा गुरु के पैर हमें सदैव छूने चाहिए. यह दूसरों के प्रति आदर और श्रद्धा व्यक्त करने का एक तरीका है. भक्ति और समर्पण की भावना से लोग चरणों को स्पर्श करके आशीर्वाद लेते हैं. सनातन धर्म में पैर छूने का इतना महत्व है कि हमारे यहां मां और गुरु के चरण स्पर्श को उनके प्रति आस्था और श्रद्धा का प्रतीक माना गया है. पैर छूने की प्रक्रिया जितनी आस्था और विश्वास से जुड़ी हुई है उतनी ही हिंदू धर्म के मान्यताओं से भी जुड़ी हुई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे लोग हैं जिनके अगर आप पैर छूते हैं तो पुण्य की जगह पाप के भागीदार बनते हैं. आइए आचार्य आनंद भारद्वाज से जानते हैं कि किन लोगों के पैर नहीं छूने चाहिए.

1. पिता और बेटियां ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी पिता को अपनी बेटी, भतीजी, नातिन या पोती से पैर नहीं छुआने चाहिए. वे सब देवियों का बाल रूप होती हैं, जो कि भारतीय संस्कृति में पूजनीय कही गई हैं. ऐसे में अगर आप उन्हें अपने चरण स्पर्श करने की अनुमति देते हैं तो आप पाप के भागी बन जाते हैं.

2. श्मशान घाट से लौटे व्यक्ति सनातन धर्म में यह माना जाता है कि श्मशान घाट से आए हुए व्यक्ति को किसी को भी अपना पैर नहीं छूने देना चाहिए. भले ही पैर छूने वाला इंसान आपसे बहुत छोटा हो या आपसे नीचे पद पर काम करता हो. ऐसा करने से खुद का नुकसान होता है. शास्त्रों में भी अंतिम संस्कार से लौटने पर व्यक्ति के पैर छूना अशुभ माना जाता है. श्मशान में सब एक समान होते हैं.

3. सोए हुए व्यक्ति अगर कोई व्यक्ति सो रहा हो या लेटा हो तो उसके बिल्कुल भी पैर नहीं छूने चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से उस व्यक्ति की उम्र घट जाती है. वैदिक शास्त्रों के मुताबिक केवल मृत व्यक्ति के ही लेटे हुए अवस्था में पैर छुए जा सकते हैं. ऐसा करने से पाप लगता है.

4. मंदिर में पैर छूना आज के समय में हर किसी की ईश्वर में आस्था है और बहुत से लोग प्रतिदिन मंदिर भी जाते हैं, लेकिन यदि आप मंदिर में हैं और आपको वहां पर कोई बड़ा-बुजुर्ग या सम्मानीय व्यक्ति मिल जाता है तो आप पहले भगवान को प्रणाम करें, क्योंकि मंदिर में भगवान से बड़ा कोई नहीं होता. भगवान के सामने किसी के पैर छूना मंदिर और भगवान का अपमान माना जाता है और भगवान शुभ की जगह अशुभ फल देते हैं.

5. मामा और भांजे-भांजी आज के समय में देखा जाता है कि मामा और भांजे-भांजी एक दोस्त की तरह भी रहते हैं, लेकिन मिलते ही उनके सम्मान में पैर जरूर छूते हैं. शास्त्रों के अनुसार भांजा-भांजी को अपने मामा-मामी के पैर नहीं छूने चाहिए. शास्त्रों में भांजा-भांजी को पूजनीय माना गया है और अगर ये पैर छूते हैं तो इससे मामा-मामी को पाप लग सकता है.

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उम्र से बड़ा हो या बुजुर्ग, न छूएं ऐसे लोगों के पैर…गले पड़ेगी कंगाली!

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