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Siwan Aman Success Story: सीवान के अमन ने संघर्षों के बावजूद ओम शांति इंटरप्राइजेज स्थापित कर शून्य से शिखर तक का सफर तय किया. उनके पिता मजदूरी करके घर चलाते थे.
अमन का बचपन संघर्षों के बीच गुजरा. परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना मुश्किल था. उनके पिता मजदूरी करके घर चलाते थे. अमन ने बचपन से ही मेहनत और लगन की अहमियत को समझा और तभी ठान लिया था कि एक दिन वह अपना खुद का व्यवसाय खड़ा करेंगे.
मोबाइल रिपेयरिंग से शुरू हुई सफलता की कहानी
अमन ने अपने करियर की शुरुआत मोबाइल रिपेयरिंग के एक छोटे से काम से की. शुरुआत में पूंजी की कमी और व्यापारिक अनुभव न होने के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी. दिन-रात की मेहनत और ग्राहकों को अच्छी सर्विस देने के कारण उनका काम धीरे-धीरे बढ़ने लगा.
अमन का मानना है कि व्यापार में ईमानदारी और ग्राहक की संतुष्टि सबसे जरूरी है. इसी वजह से कुछ ही सालों में उनका छोटा सा काम ‘ओम शांति इंटरप्राइजेज’ के नाम से सीवान में एक भरोसेमंद ब्रांड बन गया. आज वह न सिर्फ अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं, बल्कि कई युवाओं को नौकरी भी दे रहे हैं.
‘शून्य से शिखर’का सफर किया तय
अमन कहते हैं,जब तक आप अपनी मेहनत पर विश्वास नहीं करते,तब तक दुनिया भी आप पर भरोसा नहीं करेगी.वह मानते हैं कि असफलताएं हमें हारने के लिए नहीं, बल्कि मजबूत बनने के लिए आती हैं. आज अमन की कहानी सीवान और आस-पास के जिलों के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है. उनका सफर यह सिखाता है कि सीमित संसाधनों और मुश्किल परिस्थितियों में भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं. यह कहानी सचमुच ‘शून्य से शिखर’ की एक मिसाल है.
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले…और पढ़ें
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले… और पढ़ें
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