इसके बाद नौकरी की सुविधा भी दी जाएगी. कोर्स की सालाना फीस महज 1700 रुपये रखी गई है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्र भी आसानी से पढ़ाई कर सकेंगे. खास बात यह है कि यह कोर्स फिलहाल निमाड़ के चार जिलों खरगोन, खंडवा, बड़वानी और बुरहानपुर के किसी भी सरकारी कॉलेज में यहां के अलावा उपलब्ध नहीं है. जिसके लिए कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया अभी भी जारी है. मेरिट के आधार पर यहां प्रवेश मिलेगा.
प्राचार्य डॉ. जीएस चौहान ने बताया कि यह पहला मौका है, जब इस तरह का पाठ्यक्रम यहां शुरू किया गया है. कॉलेज में कुल 100 सीटें निर्धारित हैं, जिनमें से 50 सीटें फूल हो चुकी है. शेष सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया जारी है और इच्छुक छात्र 14 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं. इस कोर्स में किसी भी संकाय से 12वीं पास विद्यार्थी प्रवेश ले सकते हैं, जबकि SC-ST वर्ग के छात्रों को सरकारी नियमों के अनुसार स्कॉलरशिप का लाभ भी मिलेगा.
डिग्री के पहले हाथों में ज्वाइनिंग लेटर
कोर्स के दौरान तीसरे वर्ष में छात्रों को 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेनिंग के दौरान सरकार की ओर से स्टाइपेंड भी दिया जाएगा, जिससे विद्यार्थी पढ़ाई करते-करते आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो सकेंगे. ट्रेनिंग पूरी करने के बाद छात्रों को शासन की एक संस्था बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप (BOTS) द्वारा रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. इस तरह पढ़ाई खत्म होते ही छात्रों के पास बेहतर नौकरी होगी और कम से कम 5 लाख तक का पैकेज आसानी से मिल जाएगा.
कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के लिए कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी खुलेंगे. वे पर्यटन उद्योग, होटल प्रबंधन, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, ट्रेवल एजेंसी, टूर ऑपरेटर और इवेंट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में काम कर सकते हैं. इन सेक्टर में अच्छे वेतन, प्रमोशन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने के अवसर भी मिलते हैं. स्थानीय स्तर से लेकर देश-विदेश में बड़े होटल चेन, एयरलाइंस और टूरिज्म कंपनियां इस क्षेत्र के पेशेवरों की लगातार तलाश में रहती हैं.
20 लाख तक मिलेगा पैकेज
प्राचार्य डॉ. चौहान ने कहा कि, अगर विद्यार्थी आगे पढ़ाई जारी रखना चाहें, तो वे MBA इन हॉस्पिटैलिटी या MBA इन ट्यूरिज्म मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री कर सकते हैं. MBA के बाद उन्हें बड़े होटल ग्रुप, मल्टीनेशनल टूरिज्म कंपनियों और एयरलाइंस में 15 से 20 लाख रुपए सालाना तक का पैकेज मिल सकता है.
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