काफी लोगों को जंक फूड में फ्रेज फ्राइज खाना खूब पसंद होता है. आलू से बने क्रिस्पी और सॉल्टी फ्रेंच फ्राइज खाओ तो बस खाते चले जाओ. क्या बच्च और क्या बड़े, हर किसी का ये फेवरेट होता है. जिन लोगों को आलू से बनी चीजें पसंद होती हैं, उनकी लिस्ट में चिप्स के बाद फ्रेंच फ्राइज भी शामिल होता है. यदि आपको आलू खाना बहुत पसंद है तो उसे फ्रेंच फ्राइज बनाकर न खाएं, बल्कि भूनकर या उबालकर खाएं. अगर आप फ्रेंच फ्राइज का सेवन अधिक करते हैं तो आप संभल जाएं. दरअसल, हाल ही में हुए एक अध्ययन में ये बात सामने आई है कि यदि आप सप्ताह में 3 बार फ्रेंच फ्राइज का सेवन करते हैं तो आपको टाइप-2 डायबिटीज का खतरा लगभग 20 प्रतिशत तक हो सकता है.
क्या फ्रेंच फ्राइज बढ़ सकता है डायबिटीज का रिस्क?
यह शोध ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीजेएम) में प्रकाशित हुआ है. इस शोध में बताया गया है कि आलू की जगह साबुत अनाज का सेवन किया जाए, तो डायबिटीज का खतरा और कम हो सकता है. अध्ययन में 2 लाख से अधिक वयस्कों की डाइट को कई दशकों तक ट्रैक किया गया. शोध से यह साफ हुआ कि भुने, उबले या मैश किए गए आलू डायबिटीज के जोखिम को नहीं बढ़ाते हैं.
हार्वर्ड टी.एच. चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर वाल्टर विलेट का कहना है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए यह संदेश सीधा और प्रभावशाली है. हमारे रोजमर्रा के खान-पान में छोटे बदलाव भी टाइप-2 डायबिटीज के खतरे पर बड़ा असर डाल सकते हैं.
वे आगे बताते हैं कि फ्रेंच फ्राइज के सेवन को सीमित करके आप काफी हद तक डायबिटीज के रिस्क को कम कर सकते हैं. बेहतर है कि आप साबुत अनाज जैसे हेल्दी विकल्प अपनाकर डायबिटीज टाइप 2 के खतरे को कम करें.
शोध में शामिल हुए 2 लाख पुरुष-महिलाएं
इस शोध में 2 लाख से अधिक पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया था. ये क्या खाते-पीते हैं, इनकी डाइट में क्या-क्या चीजें शामिल होती हैं. डाइट से संबंधित आदतों को लगभग 30 साल तक अध्ययन किया गया. इनमें से 22,299 प्रतिभागियों को इस दौरान डायबिटीज हुई.
अध्ययन में पाया गया कि अगर भुने, उबले या मैस्ड आलू की जगह साबुत अनाज खाया जाए, तो डायबिटीज का खतरा 4 फीसदी तक कम हो सकता है. वहीं, फ्रेंच फ्राइज की जगह साबुत अनाज खाने से ये जोखिम 19 प्रतिशत तक कम हो जाता है. यहां तक कि रिफाइंड ग्रेन्स को फ्रेंच फ्राइज की जगह लेना भी डायबिटीज के खतरे को कम करता है.