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Neck Size Heart Attack: क्या आपको पता है कि आपकी गर्दन में कई बीमारियों के राज छुपे हैं. एक नई रिसर्च में यह भी पता चला है कि गर्दन की लंबाई से यह भी पता चल जाएगा कि भविष्य में हार्ट अटैक कब तक आएगा.
Neck Size Heart Attack: महिलाओं में गर्दन की लंबाई का खास महत्व है. इससे किसी महिला की सुंदरता बढ़ जाती है. लेकिन क्या आपको पता है कि गर्दन की लंबाई या गर्दन की मोटाई से कई बीमारियों के राज खुल जाते हैं. मसलन गर्दन की माप से दिल की बीमारी, हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर यहां तक कि डायबिटीज का भी पता चल जाता है. पहले हम यह जानते थे कि गर्दन में अगर परत बन जाए या गर्दन मोटी हो तो इससे लिवर की समस्याओं का संकेत मिलता है लेकिन एक नई रिसर्च में यह कहा गया है कि गर्दन की थिकनेस से हम भविष्य में आने वाले हार्ट अटैक का पता भी लगा सकते हैं.
गर्दन की मोटाई से मेटाबॉलिक हेल्थ का पता
गर्दन में क्यों मिलते हैं बीमारी के संकेत
अध्ययन के मुताबिक जब हमारे शरीर के अंदर गंदा फैट यानी चर्बी जमा होने लगती है तो यह फैटी एसिड खून के फ्लो के साथ प्रवाहित होती रहती है लेकिन धीरे-धीरे यह गर्दन के उपर जमा होने लगती है. इस तरह चौड़ी गर्दन शरीर में जमा खतरनाक आंतरिक वसा का बाहरी संकेत हो सकती है.इसका मतलब यह है भी है कि आपके खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा और अन्य चीजें भी बढ़ गई है. एक तरह से यह कई तरह के मेटाबोलिक बीमारियों के संकेत देती है.
कितनी मोटाई पर किन-किन बीमारियों का खतरा
जिन लोगों का वजन बढ़ा होता है उनकी गर्दन स्वभाविक रूप से मोटी होती है लेकिन दुबले-पतले लोगों में भी ऐसा हो सकता है. इसलिए इसका मोटापा से कोई मतलब नहीं है. अध्ययन के मुताबिक यदि किसी पुरुष की गर्दन 17 इंच (लगभग 43 सेंटीमीटर) से ज़्यादा है या किसी महिला की गर्दन 14 इंच (लगभग 35.5 सेंटीमीटर) से अधिक है, तो उनके लिए हार्ट और मेटाबॉलिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. सबसे चिंता की बात यह है कि हर अतिरिक्त सेंटीमीटर के साथ अस्पताल में भर्ती होने और समय से पहले मौत का जोखिम बढ़ जाता है. एक्सपर्ट का कहना है कि गर्दन की माप एक आसान, सस्ती और तेज़ प्रक्रिया है, जिसे रूटीन हेल्थ चेकअप में शामिल किया जा सकता है ताकि शुरुआती चरण में संभावित खतरे की पहचान हो सके.शोध में यह भी पाया गया कि मोटी गर्दन वाले लोगों में केवल हृदय रोग ही नहीं, बल्कि टाइप-2 डायबिटीज, जेस्टेशनल डायबिटीज और स्लीप एपनिया जैसी समस्याओं का जोखिम भी अधिक होता है. स्लीप एपनिया के दौरान नींद में सांस रुक-रुककर चलती है, जिससे दिल और ब्लड वैसल्स पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है.
गर्दन की माप कैसे लें
गर्दन की माप लेने के लिए एक लचीले मापने वाले फीते का इस्तेमाल करें और इसे गर्दन के सबसे पतले हिस्से पर हल्के से लपेटें. इसे कसकर न पकड़ें और न ही ढीले रखें. एक्सपर्ट का मानना है कि इस सरल तरीके से व्यक्ति अपने शरीर के भीतर छिपे गंभीर हेल्थ के संकेतों को पहचान सकता है.
गर्दन की चर्बी कैसे घटाएं
गर्दन की परिधि को कम करने के लिए पहले यह जानना होगा कि आपके शरीर के अंदर कौन-कौन सी परेशानियां हैं. अगर कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है या लिवर में दिक्कत है. इसलिए पहले डॉक्टर के पास जाना चाहिए. इसके बाद सामान्य तौर पर नियमित एक्सरसाइज बहुत जरूरी है. वही गर्दन की मोटाई कम करने के लिए स्ट्रैंथ ट्रेनिंग फायदेमंद है. इसमें शरीर में ताकत बढ़ती है और शरीर की चर्बी कम होती है. इसके साथ ही डाइट में फलों, सब्जियों और दालों की मात्रा बढ़ाने से शरीर में आंतरिक वसा कम होती है.
Excelled with colors in media industry, enriched more than 19 years of professional experience. Lakshmi Narayan is currently leading the Lifestyle, Health, and Religion section at News18. His role blends in-dep…और पढ़ें
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