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भारतीय खानपान में घी का विशेष महत्व होता है. यह न केवल खाने के स्वाद को बढ़ाता है, बल्कि सेहत के लिए भी कई फायदे प्रदान करता है. घी में कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो हेल्दी रहने के लिए जरूरी है.
आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार, शहद और घी को बराबर मात्रा में मिलाने से एक जहरीला मिश्रण बन सकता है, जिससे पाचन और मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

आयुर्वेद के अनुसार, मछली और घी को एक साथ नहीं खाना चाहिए. मछली की तासीर गर्म होती है, जबकि घी की तासीर ठंडी होती है. इन दोनों को एक साथ खाने से पाचन क्रिया में समस्या हो सकती है और शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो सकते हैं.

मूली एक जड़ वाली सब्जी है, जो तीखी और गर्म होती है और जब इसे घी के साथ खाया जाता है, तो यह संयोजन अशांति पैदा कर सकता है और पेट फूलना, अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है.

दही और घी दोनों ही भारी और तैलीय होते हैं और इन्हें एक साथ खाने से पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली धीमी हो सकती है. विशेषज्ञों के अनुसार, दही और घी को एक साथ खाने से पाचन क्रिया धीमी हो सकती है, विषाक्त पदार्थ जमा हो सकते हैं और यहां तक कि त्वचा संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं.<br /> घी का सेवन करने से पहले इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है. घी के साथ कुछ चीजों का संयोजन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए इनसे बचना चाहिए.