एमपी में डायल 100 का नाम आज से डायल 112: मुख्यमंत्री मोहन यादव दिखाएंगे हरी झंडी; दस सालों में डायल 100 को मिले 9 करोड़ कॉल – Bhopal News

डायल 112, जो 14 अगस्त से शुरू होने वाली है।

प्रदेश में आज से डॉयल 100 का नाम बदलकर अब डायल 112 हो जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज मध्यप्रदेश पुलिस की नई आपातकालीन सेवा डायल 112 का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री दोपहर 12:20 बजे कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर इस सेवा की शुरुआत करें

.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रेडियो, दूरसंचार संजीव शमी ने बताया कि मध्यप्रदेश में डायल-100 की व्यवस्था को आगे बढ़ाते हुए डायल-112 को इंटीग्रेटेड, स्मार्ट और मल्टी पर्पज आपातकालीन सेवा के रूप में शुरू किया जा रहा है। इसमें नई तकनीकों का उपयोग किया गया है, जिसमें डेटा एनालिटिक्स, रियल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग शामिल है।

ये सेवाएं मिलेंगी डायल 112 पर

डायल-112 सेवा शुरू होने के बाद अब पुलिस (100), स्वास्थ्य, एम्बुलेंस (108), अग्निशमन (101), महिला हेल्पलाइन (1090), साइबर क्राइम (1930), रेल मदद (139), हाईवे एक्सीडेंट रिस्पॉन्स (1099), प्राकृतिक आपदा (1079) और महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन (181, 1098) जैसी सभी सेवाएं एक ही नंबर 112 से उपलब्ध होंगी।

यह हैं नई डायल-112 की विशेषताएं

  • हर शिफ्ट में 100 एजेंट की क्षमता वाला नया कॉन्टैक्ट सेंटर होगा, जिसमें 40 सीटों का डिस्पैच यूनिट है।
  • PRI लाइनों से SIP आधारित ट्रंक लाइन पर माइग्रेशन होगा, जिससे 112 पर कॉल एक्सेस अधिक सहज हो।
  • उन्नत बिजनेस इंटेलिजेंस (BI) और MIS रिपोर्टिंग टूल्स।
  • नागरिकों और FRV के बीच संपर्क को बेहतर बनाते हुए गोपनीयता बनाए रखने के लिए नंबर मास्किंग समाधान।
  • FRV के रख-रखाव को ट्रैक करने हेतु समग्र फ्लीट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर।
  • चैटबॉट जैसे नॉन-वॉयस माध्यमों द्वारा नागरिकों से संवाद और शिकायतों की ट्रैकिंग।
  • नागरिकों और पुलिस अधिकारियों के लिए विशेष मोबाइल ऐप्स।
  • ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (HRMS) सॉफ्टवेयर, बायोमेट्रिक उपस्थिति के साथ।
  • पारदर्शिता के लिए FRVs में डेशबोर्ड, कैमरा और बॉडी वॉर्न कैमरा की व्यवस्था।

ऐसा रहा है एमपी में डायल 100 का सफर

  • मध्यप्रदेश में डायल-112 सेवा (पूर्व में डायल-100 सेवा)
  • मध्यप्रदेश में 1 नवम्बर 2015 को शुरू हुई डायल-100 भारत की पहली इंटीग्रेटेड राज्य-व्यापी पुलिस आपातकालीन सेवा थी। इसने शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जन-सुरक्षा में नया मानक स्थापित किया। इस सिस्टम का संचालन भोपाल स्थित अत्याधुनिक सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से किया गया।
  • नागरिक टोल-फ्री नंबर 100 पर कॉल करते थे, जहां प्रशिक्षित कॉल-टेकर कंप्यूटर-सहायता प्राप्त डिस्पैच सॉफ्टवेयर के माध्यम से निकटतम उपलब्ध डायल-100 (FRV) की पहचान कर तुरंत रवाना करते थे।
  • इसमें 1,000 जीपीएस-सक्षम चार-पहिया FRV और 150 दो-पहिया इकाइयां शामिल थीं, जिन्हें मोबाइल फोन और मोबाइल डेटा टर्मिनल (MDT) से लैस किया गया था।
  • डायल-100 कॉल सेंटर में आपात स्थिति में कॉलर की लोकेशन ट्रेस करने के लिए लोकेशन बेस्ड सिस्टम (LBS) स्थापित है।
  • पुलिस के ये इमरजेंसी वाहन अतिशीघ्र सहायता स्थल तक पहुंचते हैं, जिससे न्याय को जन-जन के द्वार तक पहुंचाने का संकल्प डायल-100 अब डायल 112 के माध्यम से सार्थक हो रहा है।

डायल-100 की दस सालों में एचीवमेंट

डायल-100 सेवा के शुरू होने से लेकर जून-2025 तक कुल 8 करोड़ 99 लाख 4 हजार 390 कॉल प्राप्त हुए, जिनमें से 2 करोड़ 7 लाख 91 हजार 177 कार्यवाही लायक कॉल थे। इनमें से 1 करोड़ 97 लाख 2 हजार 536 पर डायल 100 द्वारा जनता को मदद पहुंचाई गयी।

• वरिष्ठ नागरिकों को सहायता – 2,23,288

• महिला सुरक्षा हेतु त्वरित प्रतिक्रिया – 19,71,396

• परित्यक्त नवजात शिशुओं का बचाव – 1,300

• सड़क दुर्घटनाओं में जीवन दायनी सहायता – 12,48,621

• लापता बच्चों की रिपोर्टिंग और खोज – 27,112

• आत्महत्या और अवसाद से जुड़ी घटनाओं में समय रहते प्रतिक्रिया – 2,64,347

.

Source link

Share me..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *