डेंगू का कहर हो जाएगा खत्म! एम्स के वैज्ञानिकों को मिल गए दो हथियार, बन सकेंगी दवाइयां

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AIIMS Scientists Research on Dengue: एम्‍स नई द‍िल्‍ली के वैज्ञान‍िकों ने डेंगू को लेकर महत्‍वपूर्ण रिसर्च की है. इस रिसर्च के परिणामों के सहारे आने वाले दिनों में डेंगू को खत्‍म करने के लिए दवाएं बनाई जा सकती …और पढ़ें

डेंगू का कहर हो जाएगा खत्म! एम्स के वैज्ञानिकों को मिल गए दो हथियार, बनेगी दवाएम्‍स में डेंगू वायरस पर महत्‍वपूर्ण रिसर्च हुई है.
Dengue may Ends soon: हर साल लाखों लोगों पर कहर बरपाने वाले डेंगू का खात्मा होने की उम्मीद जगी है. ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नई दिल्ली के वैज्ञानिकों ने एक महत्वपूर्ण खोज की है जो डेंगू से लड़ने के लिए काफी अहम हो सकती है. इस रिसर्च के सहारे डेंगू के इलाज के लिए दवाएं तैयार करने में मदद मिल सकती है. वैज्ञानिकों ने इस रिसर्च में दो काफी महत्वपूर्ण चीजों का पता लगाया है.

जर्नल ऑफ मेडिकल वायरोलॉजी में छपे इस रिसर्च में एम्स के डॉक्टरों ने पता लगाया है कि डेंगू का वायरस मनुष्य के शरीर में संक्रमण फैलाने के लिए कैसे कोशिकाओं को चालाकी से इस्तेमाल करता है. वहीं हमारे शरीर में मौजूद माइक्रो आरएनए कैसे उस वायरस के खिलाफ काम करता है और इस संक्रमण को शरीर में फैलने से रोकता है. इस रिसर्च को डॉ. अंजलि सिंह, डॉ. सौम्या सिन्हा और डॉ. भूपेंद्र वर्मा ने किया है.

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इस रिसर्च के बारे में एम्स बायोटेक विभाग से डॉ. भूपेंद्र वर्मा बताते हैं कि रिसर्च में सामने आया है कि डेंगू के वायरस को शरीर में बढ़ने और फैलने में कुछ खास प्रोटीन्स जैसे RBMX की मदद की जरूरत होती है. अगर इन प्रोटीन्स की मात्रा शरीर में कम हो जाए तो वायरस आसानी से नहीं बढ़ पाता है. देखा गया है कि जब डेंगू का मच्छर काटता है और उसका वायरस शरीर में पहुंचता है तो वह आरबीएमएक्स प्रोटीन्स की मात्रा शरीर में बढ़ा जाता है.

जबकि हमारे शरीर में किसी भी संक्रमण को रोकने में कारगर माइक्रोआरएनए जैसे miR‑133a शरीर में आरबीएमएक्स की मात्रा को कम करता है, इससे होता यह है कि वायरस का पुनरुत्पादन रुक जाता है और शरीर में सुरक्षा कवच बन जाता है. हालांकि वायरस भी इसके खिलाफ लगातार काम करता है और शरीर के सुरक्षा तंत्र में मौजूद इस miR‑133a अणु को कम करने की कोशिश करता है ताकि वायरस तेजी से बढ़ सके.

मिल गए दो हथियार
डॉ. भूपेंद्र बताते हैं कि एम्स् की प्रयोगशाला में डेंगू वायरस के साथ जब miR‑133a की मात्रा बढाई गई तो वायरस का बढ़ना रुक गया, इससे साफ होता है कि अगर कोई ऐसी दवा बनती है जो शरीर में miR‑133a की मात्रा को बढ़ा दे तो डेंगू के वायरस को बढ़ने से रोका जा सकता है, और डेंगू को खत्म करने में मदद मिल सकती है.

वहीं दूसरी चीज ये देखी गई कि अगर शरीर में RBMX को पूरी तरह ब्लॉक कर दिया जाए, तो वायरस को अनुकूल माहौल नहीं मिल पाता और वह ठीक से बढ़ नहीं पाता. इसका सीधा सा मतलब है कि अगर कोई दवा RBMX को बाधित करने की क्षमता रखती है तो वह डेंगू को रोकने में असरदार हो सकती है.

ये रिसर्च क्यों है खास
बता दें कि देश ही नहीं दुनिया भर में मच्छरों के काटने से फैलने वाले डेंगू के खिलाफ अभी तक न तो कोई वैक्सीन बनी है और न ही असरदार दवा है. डेंगू होने पर सिर्फ लक्षणों का ही इलाज किया जाता है. जबकि मानसून के मौसम से लेकर आजकल पूरे सालभर डेंगू के मामले देखने को मिलते हैं. ऐसे में अगर डेंगू के वायरस के बढ़ने के कारणों और इसे रोकने वाले उपायों का पता चल गया है तो आने वाले दिनों में ऐसी दवा बनाकर डेंगू को पूरी तरह खत्म करना संभव हो सकेगा और हजारों जानों को बचाया जा सकेगा.

प्रिया गौतमSenior Correspondent

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ और रियल एस…और पढ़ें

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ और रियल एस… और पढ़ें

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डेंगू का कहर हो जाएगा खत्म! एम्स के वैज्ञानिकों को मिल गए दो हथियार, बनेगी दवा

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