डिग्री ली डॉक्टर-इंजीनियर की, लेकिन नौकरी ZERO! एमपी में 25 लाख युवा बेरोजगार

Last Updated:

आंकड़ों के मुताबिक, मध्‍य प्रदेश में 25 लाख 68 हजार से ज्यादा युवा बेरोजगार हैं. इनमें से सबसे ज्यादा—करीब 8.3 लाख—स्नातक डिग्रीधारी हैं, जबकि 2.38 लाख पोस्ट ग्रेजुएट और 6.22 लाख 12वीं पास युवा नौकरी की तलाश मे…और पढ़ें

मध्‍य प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ रही है.

हाइलाइट्स

  • मध्‍य प्रदेश में 25 लाख से अधिक युवा बेरोजगर.
  • इंजीनियर और डॉक्‍टर को भी रोजगार नहीं पाई.
  • नौकरी की तलाश में भटकते हुए युवाओं की बात.
भोपाल. मध्य प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति बेहद चिंताजनक होती जा रही है. हाल ही में सामने आए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 25 लाख 68 हजार से ज्यादा युवा बेरोजगार हैं. इनमें से सबसे ज्यादा—करीब 8.3 लाख—स्नातक डिग्रीधारी हैं, जबकि 2.38 लाख पोस्ट ग्रेजुएट और 6.22 लाख 12वीं पास युवा नौकरी की तलाश में हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें 86 हजार इंजीनियर, 19 हजार MBA और करीब 4,800 MBBS डिग्रीधारी भी शामिल हैं. विपक्ष इसे सरकार की नाकामी बता रहा है, जबकि भाजपा युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट और स्टार्टअप योजनाओं का हवाला दे रही है.

जब डॉक्टर और इंजीनियर जैसे पेशेवर भी रोजगार के मोहताज हों, तो आम डिग्रीधारी युवाओं के लिए तस्वीर और भी धुंधली है. आने वाले समय में सरकार को नी बदलाव और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाकर रोजगार के नए अवसर खोलने होंगे.मध्य प्रदेश में बेरोजगारी अब सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि लाखों युवाओं के भविष्य से जुड़ा गंभीर संकट बन चुका है. राज्य के सरकारी पोर्टल पर उपलब्ध हालिया आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में कुल 25 लाख 68 हजार से अधिक युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं. सबसे बड़ी संख्या स्नातक डिग्रीधारी बेरोजगारों की है—करीब 8.3 लाख. इसके अलावा 6.22 लाख इंटरमीडिएट पास, 2.38 लाख पोस्ट ग्रेजुएट और अन्य शैक्षणिक योग्यता वाले युवा भी पंजीकृत हैं. इनमें हैरानी की बात यह है कि 86 हजार इंजीनियर, 19 हजार MBA और लगभग 4,800 MBBS डिग्रीधारी युवा भी रोजगार के लिए भटक रहे हैं.

राजनीतिक बयानबाजी तेज
राज्य विधानसभा में यह मुद्दा विपक्षी दल कांग्रेस ने जोर-शोर से उठाया. कांग्रेस विधायक आतिफ अकील ने कहा, “सरकार युवाओं को सिर्फ आकांक्षी बोलकर उनके भविष्य के साथ खेल रही है. जिन युवाओं ने सालों मेहनत कर प्रोफेशनल डिग्री ली है, वे आज सड़कों पर हैं.” वहीं भाजपा प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने जवाब में कहा, “राज्य सरकार रोजगार सृजन को लेकर गंभीर है. स्टार्टअप नीति, स्किल इंडिया, रोजगार मेले जैसे माध्यमों से युवाओं को अवसर देने का प्रयास किया जा रहा है. कई युवा बेहतर नौकरी की तलाश में भी पोर्टल पर पंजीकृत रहते हैं.”

शहर ही नहीं, गांव भी प्रभावित
यह समस्या सिर्फ शहरी इलाकों तक सीमित नहीं है. गांवों के पढ़े-लिखे युवा भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सालों बर्बाद कर नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं. कईयों की उम्र निकल रही है, लेकिन सरकारी नौकरियों की संख्या सीमित है और प्राइवेट सेक्टर भी सीमित अवसर दे पा रहा है. बेरोजगारी के इन आंकड़ों ने प्रदेश की शिक्षा नीति, रोजगार नीति और युवाओं की मानसिक स्थिति तीनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. सिर्फ स्कीम की घोषणाओं से नहीं, बल्कि ग्राउंड लेवल पर ठोस रोजगार नीति के क्रियान्वयन की जरूरत है.

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

homemadhya-pradesh

डिग्री ली डॉक्टर-इंजीनियर की, लेकिन नौकरी ZERO! एमपी में 25 लाख युवा बेरोजगार

.

Source link

Share me..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *