Bina tadke wali tasty dal kaise banaye: दाल भारतीय रसोई का वो हिस्सा है जो हर घर में रोज बनती है. ज्यादातर लोग मानते हैं कि दाल का असली स्वाद तभी आता है जब उसमें गरमा-गरम तड़का डाला जाए. लहसुन, जीरा, हींग और घी का वो तड़का वाकई खाने की खुशबू और टेस्ट बदल देता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बिना तड़के भी दाल लाजवाब बनाई जा सकती है? कई बार हम ऑयल से बचना चाहते हैं, जल्दी में होते हैं या बस तड़का लगाने का मन नहीं होता. ऐसे में भी दाल को फ्लेवर देने के कुछ आसान और क्रिएटिव तरीके हैं जो बिना ज्यादा मेहनत के दाल को खास बना देंगे. ये तरीके न सिर्फ हेल्दी हैं बल्कि दाल के स्वाद को एक नया ट्विस्ट भी देते हैं. तो चलिए जानते हैं 6 यूनिक आइडिया, जिनसे आपकी सिंपल दाल भी रेस्टोरेंट जैसी लगने लगेगी वो भी बिना तड़के.
1. कच्ची चटनी का जादू
अक्सर हम दाल के साथ चटनी साइड में रखते हैं, लेकिन क्यों न उसे सीधे दाल में मिला दिया जाए. धनिया-पुदीना की फ्रेश चटनी जिसमें अदरक, हरी मिर्च, नींबू और हल्का सा जीरा मिला हो, दाल के स्वाद को ताजगी और तीखापन दे देती है. दाल गरम हो और उसमें ये चटनी डाल दी जाए तो उसका स्वाद ग्रीन मसाला दाल जैसा हो जाता है. इसमें ऑयल की एक बूंद भी नहीं लगती और टेस्ट कमाल का आता है.
2. पकने के दौरान फ्लेवर डालें
दाल में फ्लेवर लाने के लिए हमेशा तड़के की जरूरत नहीं होती, बस सही टाइमिंग चाहिए. जब दाल पक रही हो तभी उसमें तेजपत्ता, करी पत्ता, कुचला हुआ लहसुन, काली मिर्च या दालचीनी का छोटा टुकड़ा डाल दें. ये मसाले धीरे-धीरे उबलती दाल में अपना फ्लेवर छोड़ते हैं, जैसे चाय में पत्तियां डालने से उसका स्वाद आता है. इस तरह दाल के हर चम्मच में खुशबू और स्वाद भर जाता है.
दाल में फ्लेवर लाने के लिए हमेशा तड़के की जरूरत नहीं होती, बस सही टाइमिंग चाहिए. जब दाल पक रही हो तभी उसमें तेजपत्ता, करी पत्ता, कुचला हुआ लहसुन, काली मिर्च या दालचीनी का छोटा टुकड़ा डाल दें. ये मसाले धीरे-धीरे उबलती दाल में अपना फ्लेवर छोड़ते हैं, जैसे चाय में पत्तियां डालने से उसका स्वाद आता है. इस तरह दाल के हर चम्मच में खुशबू और स्वाद भर जाता है.
4. खट्टापन जोड़कर बैलेंस करें
दाल में हल्का सा खट्टापन उसका स्वाद कई गुना बढ़ा देता है. टमाटर या अमचूर पाउडर की जगह इमली का गूदा, कोकम या नींबू का रस डालकर देखिए. ध्यान रहे इसे दाल के पूरी तरह पकने के बाद ही डालें. इससे स्वाद तेज होता है और दाल का मुलायमपन बैलेंस हो जाता है. खासकर तूर और मूंग दाल में ये तरीका बहुत अच्छा काम करता है.
दाल में हल्का सा खट्टापन उसका स्वाद कई गुना बढ़ा देता है. टमाटर या अमचूर पाउडर की जगह इमली का गूदा, कोकम या नींबू का रस डालकर देखिए. ध्यान रहे इसे दाल के पूरी तरह पकने के बाद ही डालें. इससे स्वाद तेज होता है और दाल का मुलायमपन बैलेंस हो जाता है. खासकर तूर और मूंग दाल में ये तरीका बहुत अच्छा काम करता है.
5. स्मोकी लहसुन का कमाल
अगर आपको तले हुए लहसुन का गहरा स्वाद याद आता है, तो स्मोक्ड गार्लिक ट्राई करें. लहसुन की पूरी कली को गैस की आंच पर तब तक सेंकें जब तक उसका छिलका जल न जाए और अंदर से वह नरम और मीठी न हो जाए. फिर उसे छीलकर मैश करें और दाल में मिला दें. ये हल्का धुआं-सा फ्लेवर दाल को ऐसा गहरापन देता है जैसे घंटों मेहनत की हो.
अगर आपको तले हुए लहसुन का गहरा स्वाद याद आता है, तो स्मोक्ड गार्लिक ट्राई करें. लहसुन की पूरी कली को गैस की आंच पर तब तक सेंकें जब तक उसका छिलका जल न जाए और अंदर से वह नरम और मीठी न हो जाए. फिर उसे छीलकर मैश करें और दाल में मिला दें. ये हल्का धुआं-सा फ्लेवर दाल को ऐसा गहरापन देता है जैसे घंटों मेहनत की हो.
6. फ्लेवर्ड घी से फिनिश करें
तड़के जैसा फील लाने के लिए घी का इस्तेमाल करें लेकिन बिना फ्राई किए. एक चम्मच घी को हल्का सा गरम करें, उसमें काली मिर्च, अजवाइन या कसूरी मेथी डालकर थोड़ी देर छोड़ दें. चाहें तो छानकर दाल में मिला दें. इस तरह दाल में घी की खुशबू और मसालों का हल्का स्वाद आ जाएगा, बिना किसी तेज सिजल के.
तड़के जैसा फील लाने के लिए घी का इस्तेमाल करें लेकिन बिना फ्राई किए. एक चम्मच घी को हल्का सा गरम करें, उसमें काली मिर्च, अजवाइन या कसूरी मेथी डालकर थोड़ी देर छोड़ दें. चाहें तो छानकर दाल में मिला दें. इस तरह दाल में घी की खुशबू और मसालों का हल्का स्वाद आ जाएगा, बिना किसी तेज सिजल के.
दाल का स्वाद बढ़ाने के लिए तड़का एकमात्र रास्ता नहीं है. सही मसालों का चुनाव, पकाने का सही समय और थोड़ी क्रिएटिविटी आपकी दाल को बिना तड़के भी बेहतरीन बना सकती है. अगली बार जब तड़का लगाने का मन न हो, तो इन यूनिक तरीकों में से कोई एक जरूर अपनाएं. यकीन मानिए, आपके घरवालों को बिना बताए भी फर्क महसूस होगा और आपको ये बदलाव पसंद आएगा.
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