मुंबई8 मिनट पहले
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दैनिक भास्कर रियल एस्टेट कॉन्क्लेव 2025 की थीम ‘रियल एस्टेट ग्रोथ की अगली लहर’ रही।
दैनिक भास्कर रियल एस्टेट कॉन्क्लेव 2025 में देशभर से पहुंचे रियल एस्टेट डेवलपर्स को विशेषज्ञों ने ‘रियल एस्टेट ग्रोथ की अगली लहर’ के जरिए क्षेत्र में सफलता पाने के मंत्र दिए।
‘रियल एस्टेट ग्रोथ की अगली लहर’ ध्येय के साथ मुंबई के ताज होटल में आयोजित इस कॉन्क्लेव में देश भर से आए डेवलपर्स के लिए विशेषज्ञों के महत्वपूर्ण मंत्रों ने नई राहें खोल दी हैं।
कॉन्क्लेव में मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अध्यक्ष और सह-संस्थापक रामदेव अग्रवाल, अजमेरा बिल्डर्स के एमडी धवल अजमेरा, नमन बिल्डर्स के चेयरमैन जयेश शाह, दैनिक भास्कर समूह के प्रमोटर निदेशक गिरीश अग्रवाल समेत भोपाल, रायपुर और अन्य शहरों के सफल डेवलपर्स ने शामिल हुए।
कॉन्क्लेव की 3 तस्वीरें…

दैनिक भास्कर समूह के प्रमोटर निदेशक गिरीश अग्रवाल ने कॉन्क्लेव में आए रियल एस्टेट डेवलपर्स विशेषज्ञों को संबोधित किया।

दैनिक भास्कर रियल एस्टेट कॉन्क्लेव 2025 की थीम ‘रियल एस्टेट ग्रोथ की अगली लहर’ रखी गई।

कॉन्क्लेव में भारत के प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर्स में शामिल शख्सियत पहुंची थीं।
कॉन्क्लेव में किसने क्या कहा…
- रामदेव अग्रवाल, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज प्रेसिडेंट और सह-संस्थापक योग्य रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए बाजार में असीमित पूंजी के अवसर उपलब्ध हैं। बड़ी आसानी से 10 हजार करोड़ रुपए तक की पूंजी जुटाई जा सकती है। इसके लिए स्पष्ट व्यवसायिक योजना, स्वच्छ वित्तीय रिकॉर्ड, क्षमता और ग्राहक-केंद्रितता बढ़ाना जरूरी है।
- जयेश शाह, चेयरमैन नमन बिल्डर्स डेवलपर्स को वित्तीय अनुशासन पर जोर देना चाहिए। कर्ज-इक्विटी अनुपात 1:1 रखना सबसे सुरक्षित है। जोखिम प्रबंधन और मजबूत वित्तीय आधार सफलता की कुंजी है। टियर-2 और टियर-3 शहरों में सफल होने के लिए स्थानीय ज्ञान और संयुक्त उद्यमों का महत्व होता है।
- धवल अजमेरा, MD अजमेरा बिल्डर्स रियल एस्टेट में सफलता के लिए पारदर्शिता और चरणबद्ध विकास को महत्वपूर्ण है। नासिक, अहमदाबाद जैसे शहरों में विकास की बड़ी संभावनाएं हैं। ऐसे में नए डेवलपर्स को छोटे-छोटे प्रयास से शुरुआत करनी चाहिए।
- विपुल रुंगटा, CEO और प्रबंध निदेशक HDFC कैपिटल भारत अब जोखिम पूंजी (रिस्क कैपिटल) की अधिकता वाला देश बन चुका है, जिसका सीधा फायदा सुदृढ़ कॉर्पोरेट प्रशासन वाले डेवलपर्स को मिल रहा है। रियल एस्टेट अब एक साधारण वस्तु (कमोडिटी) नहीं, बल्कि एक खास उत्पाद है, और इसी वजह से रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट , संरचित साधन और सार्वजनिक ऋण बाजार जैसे वित्तपोषण के विकल्प आज अधिक प्रासंगिक हो गए हैं।
- उत्पल सेठ, फाट्रस्ट ग्रुप डेवलपर्स को अपने व्यवसायिक मॉडल और कॉर्पोरेट शासन प्रणाली में सुधार लाना चाहिए। मजबूत साख से ब्याज दरें कम होंगी, जिससे परियोजना लागत घटेगी। पारदर्शिता और सुदृढ़ गवर्नेंस ही अब रियल एस्टेट में सफलता की कुंजी है।
- श्रावण शर्मा, ब्रुकफील्ड और ब्लैकस्टोन 100-200 करोड़ की वाणिज्यिक संपत्ति या 30-50 करोड़ के वार्षिक किराए वाला मॉल रीट्स में शामिल हो सकता है। बाजार को गहरा करने के लिए अधिक प्रायोजकों की जरूरत पर जोर दिया और खुदरा भागीदारी बढ़ने से इस क्षेत्र में मजबूती की उम्मीद जताई गई है।
- कार्थी मर्शन, कोटक महिंद्रा बैंक (कार्यकारी VP- समूह मार्केटिंग) डेवलपर्स को ब्रांडिंग पर ध्यान देना चाहिए। ब्रांडिंग बहुत बड़ी शक्ति है।
‘भारतीय रियल एस्टेट का GDP में 7% योगदान’
दैनिक भास्कर समूह के प्रमोटर निदेशक गिरीश अग्रवाल ने बताया- भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र वर्तमान में भारत की जीडीपी में लगभग 7% का योगदान देता है। उम्मीद है कि 2030 तक यह बढ़कर 12% तक पहुंच जाएगा, जिससे यह क्षेत्र 1 ट्रिलियन डॉलर का उद्योग बन जाएगा।
अग्रवाल ने क्रिसिल के विश्लेषण का हवाला देते हुए कहा- अगले तीन सालों में रियल एस्टेट के लक्जरी और प्रीमियम सेगमेंट में 30-35% की उल्लेखनीय वृद्धि अपेक्षित है।
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