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cooking oil: सेहत के प्रति जागरुक लोगों को हमेशा इस बात की चिंता रहती है कि किस तेल में खाना पकाए. कुछ तेल तो सेहत के लिए बिल्कुल ही खराब है. इसलिए आप यहां जान लीजिए कि किस तेल को खाने से दिल की सेहत सही रहती है.
अब कई तरह के खाने के तेल उपलब्ध हैं. इनमें से हर एक की अपनी विशेषता होती है. लेकिन कुछ प्रकार के तेल हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं. खासतौर पर भारतीय रसोई में ज्यादा इस्तेमाल होने वाला रिफाइंड सूरजमुखी तेल,सोयाबीन तेल, पाम ऑयल आदि दिल के लिए अच्छे नहीं हैं.

अब कई तरह के खाने के तेल उपलब्ध हैं. इनमें से हर एक की अपनी विशेषता होती है. लेकिन कुछ प्रकार के तेल हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं. खासतौर पर भारतीय रसोई में ज्यादा इस्तेमाल होने वाला रिफाइंड सूरजमुखी तेल,सोयाबीन तेल, पाम ऑयल आदि दिल के लिए अच्छे नहीं हैं.

मार्केट में मिलने वाले अन्य तेलों की तुलना में एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल (EVOO) बहुत शुद्ध होता है. इसके निर्माण में न तो केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है और न ही अधिक गर्मी का प्रयोग किया जाता है. इसलिए इसमें मौजूद प्राकृतिक पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट वैसे के वैसे सुरक्षित रहते हैं.

ये खास गुण शरीर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं, बुढ़ापे के असर को धीमा करते हैं और आखिर में कुछ तरह के कैंसर के खतरे को भी कम करते हैं. अध्ययनों के मुताबिक रोज़ाना ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करने वाली मेडिटरेनियन डाइट अपनाने वालों को दिल की बीमारियां कम होती हैं और वे लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जीते हैं.

सभी ऑलिव ऑयल एक जैसे नहीं होते. अगर पूरे फायदे चाहिए तो बोतल पर कोल्ड-प्रेस्ड लिखा हुआ या एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल ही चुनें.रिफाइंड या लाइट ऑलिव ऑयल से बचें, क्योंकि प्रोसेसिंग के दौरान इनमें मौजूद कुछ कीमती पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं. इस तेल को हमेशा ठंडी और अंधेरी जगह पर स्टोर करें. बोतल खोलने के बाद छह महीने के भीतर इस्तेमाल कर लें ताकि इसकी ताजगी और प्रभाव कम न हो.

कैसे इस्तेमाल करें- ऑलिव ऑयल हेल्दी है लेकिन इसमें कैलोरी थोड़ी ज्यादा होती है. एक टेबलस्पून में लगभग 120 कैलोरी होती हैं. इसलिए रोज़ 1-2 टीस्पून ही पर्याप्त है. इसे सलाद पर ड्रेसिंग के रूप में, पकी हुई सब्ज़ियों पर ऊपर से छिड़कने के लिए या धीमी आंच पर हल्का भूनने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन इससे डीप-फ्राई बिल्कुल न करें क्योंकि ज़्यादा गर्मी में इसके अच्छे गुण और पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं.