Coconut Coir In Gardening: जानें नारियल के रेशे से मिट्टी को हेल्दी और पौधों को हरा-भरा रखने के आसान तरीके

Coconut Coir In Gardening: बागवानी सिर्फ एक शौक नहीं, बल्कि सुकून और संतुलन पाने का एक शानदार तरीका बन चुका है. जब हम अपने हाथों से मिट्टी में पौधे लगाते हैं, तो एक गहरा जुड़ाव महसूस होता है. पौधों को सही माध्यम देना उनकी अच्छी बढ़त के लिए बेहद जरूरी है. इन्हीं माध्यमों में एक है नारियल की जटा, जिसे कोको कॉयर भी कहा जाता है. यह न सिर्फ पौधों के लिए एक बेहतरीन ग्रोथ मीडियम है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है. आजकल प्रोफेशनल गार्डनर्स से लेकर होम गार्डनिंग करने वाले लोग भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. इसकी खासियत यह है कि यह पूरी तरह प्राकृतिक है और मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाने के साथ-साथ पौधों को लंबे समय तक हेल्दी बनाए रखता है. इसे इस्तेमाल करना आसान है और इसमें किसी केमिकल की जरूरत नहीं होती. सही तरीके से इस्तेमाल करने पर यह पौधों की जड़ों के लिए एक सुरक्षित और आरामदायक घर जैसा माहौल देता है.

क्या होता है नारियल का रेशा?
नारियल की बाहरी परत से मिलने वाला यह रेशा प्राकृतिक और टिकाऊ होता है. इसे पहले बेकार समझा जाता था, लेकिन अब यह बागवानी में खास जगह बना चुका है. इसे अलग-अलग रूपों में तैयार किया जाता है, जैसे कि लंबे रेशे, महीन पीट (कोको पीट) और छोटे-छोटे टुकड़े (कोको चिप्स). ये सभी बागवानी के अलग-अलग हिस्सों में काम आते हैं.

कोको कॉयर कैसे तैयार करें?
नारियल का रेशा बाजार में अक्सर ईंट के रूप में मिलता है, जो सूखा और सख्त होता है. इसका इस्तेमाल करने से पहले इसे पानी में भिगोना पड़ता है. इसके लिए एक बड़ा बर्तन लें, उसमें ईंट डालें और 3-4 लीटर गुनगुना पानी डालें. आधे घंटे तक इसे फूलने दें. यह अपने आकार से कई गुना बढ़ जाएगा और नरम बनावट ले लेगा, जो मिट्टी जैसी महसूस होगी.

बगीचे में इस्तेमाल कैसे करें?
-मिट्टी के साथ मिलाकर: कोको कॉयर को आपकी मौजूदा मिट्टी में मिलाने से मिट्टी की बनावट हल्की हो जाती है. भारी मिट्टी में यह हवा आने-जाने की जगह बनाता है और पानी जमा नहीं होने देता.
-रेतीली मिट्टी में: यह पानी को लंबे समय तक रोकने में मदद करता है, जिससे पौधों को लगातार नमी मिलती रहती है.
-गमलों और इनडोर पौधों में: घर के अंदर पौधे उगाने के लिए यह बेहतरीन है. यह जड़ों को हवादार रखता है और सड़ने से बचाता है.

रसीले पौधों (सक्कुलेंट्स) में सावधानी
सक्कुलेंट्स को ज़्यादा पानी नहीं चाहिए होता. चूंकि नारियल का रेशा पानी सोख लेता है, इसलिए ऐसे पौधों को पानी देते समय ध्यान रखें. बेहतर रहेगा कि कोको कॉयर में झांवा या रेत मिला लें ताकि पानी जल्दी निकल जाए और जड़ें सूखी रहें.

खास फायदे
-दोबारा इस्तेमाल योग्य: एक बार इस्तेमाल के बाद इसे धोकर फिर से उपयोग में लिया जा सकता है.
-पानी से दोस्ती: सूख जाने पर भी यह फिर से पानी सोख लेता है, जबकि दूसरी सामग्री ऐसा नहीं कर पाती.
-खाद में मददगार: इसमें मौजूद कुछ अच्छे बैक्टीरिया खाद बनने की प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

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