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Pet Lover Story: अमूमन वो लोग मुर्गा-मुर्गी पालते हैं जो नॉनवेज खाते हैं या बेचने का काम करते हैं. लेकिन, खंडवा की जब की कहानी कुछ अलग है. इनकी कहानी पक्षी प्रेमियों के लिए प्रेरणा है…
हाइलाइट्स
- जबा ने मुर्गा-मुर्गी को बच्चों की तरह पाला है
- मुर्गा-मुर्गी जबा की आवाज सुनते ही दौड़ते हैं
- जबा के घर में नॉनवेज बिल्कुल नहीं खाया जाता
मुर्गा और मुर्गी का रिश्ता जबा के साथ इतना गहरा हो चुका है कि अगर वे कहीं चली जाएं तो ये उनके पीछे-पीछे घर से बाहर निकल जाते हैं. खेत में काम करते समय भी ये साथ रहते हैं. जबा कहती हैं, “अगर मैं अचानक घर लौट आऊं तो ये तुरंत मेरा पीछा करते हुए वापस आ जाते हैं. यह देखकर मुझे लगता है कि जैसे ये भी मेरी सुरक्षा कर रहे हों.” सबसे खास बात ये कि जबा के घर में मांसाहार बिल्कुल नहीं खाया जाता. उन्होंने मुर्गा-मुर्गी को केवल शौक और प्रेम से पाला है.
मेरे घर में नॉनवेज नहीं बनता
आगे कहा, “हमारे घर में नॉनवेज का कोई नामोनिशान नहीं है. ये पक्षी हमारे लिए परिवार के सदस्य जैसे हैं. इनकी देखभाल करने में मुझे सुकून मिलता है.” गांव के लोग भी मानते हैं कि जबा चोरे ने इन पक्षियों को जिस तरह पाला है, वह पक्षी प्रेमियों के लिए प्रेरणा है. एक ग्रामीण बताते हैं, “आज के समय में लोग पालतू जानवरों को स्वार्थ के लिए पालते हैं, लेकिन जबा ने इन्हें केवल प्यार से पाला है. यही वजह है कि ये उनसे इस तरह जुड़े हुए हैं.”
मेहमान रह जाते हैं दंग
जबा के घर में जब भी कोई मेहमान आता है, तो वह इस अनोखे नजारे को देखकर दंग रह जाता है. लोग यह देखने आते हैं कि कैसे मुर्गा और मुर्गी जबा की आवाज सुनते ही दौड़ पड़ते हैं. कई बार लोग यह भी पूछते हैं कि क्या इन्हें कोई खास ट्रेनिंग दी गई है? लेकिन जबा कहती हैं, “यह सब केवल प्यार और देखभाल का नतीजा है. मैंने इन्हें किसी तरह की ट्रेनिंग नहीं दी. बस बचपन से देखभाल की और यह रिश्ता खुद ही मजबूत होता चला गया.”
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