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लिंगुड़ा में भरपूर मात्रा में आयरन, कैल्शियम, फाइबर, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है. खासकर थकान, कमजोरी, अपच, गैस जैसी समस्याओं में लाभकारी मान…और पढ़ें
लिंगुड़ा में भरपूर मात्रा में आयरन, कैल्शियम, फाइबर, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है. खासकर थकान, कमजोरी, अपच, गैस जैसी समस्याओं में लाभकारी मानी जाती है. पहाड़ी क्षेत्रों के ग्रामीण परिवारों में इसे जड़ी-बूटी जैसी सब्जी कहा जाता है. इसका सेवन करने से शरीर को गर्मी मिलती है. यह खून की कमी को भी दूर करने में मददगार है.
लिंगुड़ा को पकाने का तरीका भी उतना ही खास और पारंपरिक है. पहले इसे अच्छी तरह साफ किया जाता है. इसमें मिट्टी या कीट लगे हो सकते हैं. इसके बाद इसे उबाल लिया जाता है ताकि इसकी कड़वाहट निकल जाए. कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में इसे हल्दी और नमक के पानी में भी उबाला जाता है. इसके बाद एक कढ़ाई में सरसों का तेल गर्म किया जाता है. उसमें जीरा, लहसुन और बारीक कटा प्याज डालकर तड़का लगाया जाता है. जब प्याज सुनहरा हो जाए तब उसमें उबली हुई लिंगुड़ा डाल दी जाती है. स्वादानुसार नमक, हल्दी और कभी-कभी हरी मिर्च या टमाटर भी मिलाए जाते हैं. इसे धीमी आंच पर कुछ मिनट तक भूनने के बाद तैयार किया जाता है.
स्वाद में बेमिसाल, पौष्टिकता में अतुलनीय
लिंगुड़ा की खास बात यह है कि यह जितनी पौष्टिक है, उतनी ही स्वादिष्ट भी होती है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इसे मंडुवे की रोटी या गर्म भात के साथ बड़े चाव से खाते हैं. यह सब्जी भूख बढ़ाने वाली मानी जाती है, और पाचन को दुरुस्त करती है. कुछ लोग इसे सुखाकर सालभर के लिए भी रख लेते हैं, ताकि मौसम न होने पर भी इसका आनंद लिया जा सके.
स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी मानते हैं फायदे
स्थानीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आयुर्वेद से जुड़े जानकारों का मानना है कि लिंगुड़ा एक तरह की जड़ी-बूटी है. जो शरीर के लिए बेहद लाभकारी है. खासकर हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह एक प्राकृतिक टॉनिक की तरह काम करती है. यह खून साफ करने, हड्डियों को मजबूत करने और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करती है.बागेश्वर जैसे क्षेत्रों में यह सब्जी न केवल खान-पान की परंपरा है, बल्कि एक ऐसी जीवनशैली का हिस्सा है, जो प्रकृति से सीधे जुड़ी हुई है. आज जब बाजार में रासायनिक सब्जियों का बोलबाला है, ऐसे में लिंगुड़ा जैसी प्राकृतिक और पावरफुल सब्जी का महत्व और भी बढ़ जाता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.