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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तराई इलाके के जंगलों में पाई जाने वाली अनोखी सब्जी, जिसे प्राकृतिक मशरूम या धरती का फूल कहा जाता है, इस समय बाजारों में लगभग 1000 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रही है. यह सब्जी न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि कई बीमारियों के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है. आइए जानते है इसके बारे में…
इन दिनों लखीमपुर जिले की बाजारों में धरती के फूल नाम की सब्जी का एक अलग ही क्रेज है, जिसकी कीमत लगभग एक हजार रुपये प्रति किलो है. महंगी होने के बावजूद इसकी लोकप्रियता काफी अधिक है.

लोग इसे बड़ी मात्रा में खरीद रहे हैं. यह सब्जी स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोषक तत्वों से भरपूर होती है और बरसात के मौसम में जंगलों से इसे लाया जाता है. दिलचस्प बात यह है कि इस समय धरती के फूल की कीमत चिकन और मटन से भी अधिक है.

धरती का फूल एक प्रकार की फंगस है, जिसे वैज्ञानिक रूप से टरमिटोमायसीज कहा जाता है. इसे जंगली मशरूम भी कहते हैं. यह बरसात के मौसम में जंगलों, मिट्टी के टीलों और तालाबों के किनारे उगती है. यह फंगस जमीन के अंदर विकसित होती है.

बारिश के दिनों में ही ऊपर निकलती है. लखीमपुर खीरी के विभिन्न इलाकों में इस समय यह सब्जी आसानी से मिल रही है और इसकी काफी मांग है. जानकारों के अनुसार, धरती के फूल में प्रोटीन की भारी मात्रा पाई जाती है, जिससे यह हृदय रोगियों और डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद माना जाता है.

इसके पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण यह एक पौष्टिक भोजन है, जिसे बरसात के मौसम में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोग बड़े चाव से खाते हैं. धरती के फूल ज्यादातर सुबह के समय जमीन से हल्के सफेद रंग में निकलते हैं, जिन्हें सावधानी से खोदकर निकाला जाता है.

ग्रामीण क्षेत्रों में लोग तड़के सुबह इन्हें खोजने के लिए जंगलों में जाते हैं. यह फंगस बेहद नाजुक होती है, इसलिए इसे निकालते समय खास ध्यान रखना पड़ता है. जरा सी असावधानी से यह टूट या मुड़ जाती है, जिससे इसका बाजार भाव कम हो जाता है.