सौंफ चबाना ज्यादा अच्छा या सौंफ का पानी पीना, जान लें सेहत के लिए कौन-सा ऑप्शन ज्यादा अच्छा?

सौंफ, जिसे हम सभी ‘सौंफ’ या ‘सौंफ दाना’ के नाम से जानते हैं, भारतीय रसोई का एक आम हिस्सा है. यह न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है. आयुर्वेद और घरेलू नुस्खों में सौंफ का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है. इसे पाचन सुधारने, शरीर को डिटॉक्स करने और कई छोटी-बड़ी परेशानियों में राहत देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. सौंफ को दो तरीकों से लिया जाता है. कच्ची सौंफ चबाकर या सौंफ का पानी पीकर. दोनों तरीके फायदेमंद हैं, लेकिन इनके असर थोड़े अलग होते हैं. आइए आसान भाषा में समझते हैं कि किस तरह आपके लिए बेहतर है.

सौंफ चबाने के फायदे

कच्ची सौंफ चबाने से इसके ज़रूरी तेल (Essential Oils) सीधे मुंह में निकलते हैं, जिससे पाचन की प्रक्रिया तुरंत शुरू हो जाती है. यह पाचक एंजाइम्स को सक्रिय करता है, जिससे खाना जल्दी और सही तरह से पचता है. पाचन में सुधार भारी या तैलीय खाना खाने के बाद सौंफ चबाने से गैस, एसिडिटी और बदहजमी में आराम मिलता है. भूख कंट्रोल और वजन मैनेजमेंट, इसमें मौजूद फाइबर पाचन को धीमा करता है और लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे बार-बार खाने की आदत कम होती है.पोषक तत्वों का पूरा फायदा इस तरह हैं कि अगर आप इसको चबाते हैं तो चबाने से सौंफ का फाइबर, मिनरल्स और ऑयल्स सब शरीर को मिलते हैं, जो पानी में भिगोकर पीने पर कुछ कम हो जाते हैं. इसके अलावा बेहतरीन ब्रीथ फ्रेशनर के तौर पर यह मुंह की बदबू तुरंत दूर करता है.  दिल्ली स्थित न्यूट्रीवेलनेस क्लिनिक की डॉ. रिचा शर्मा का कहना है कि सौंफ में एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइबर होते हैं. खाने के बाद चबाने से पाचन बेहतर होता है, सूजन कम होती है और हार्मोन संतुलन में मदद मिलती है.  उन्होंने बताया कि सौंफ के बीज चबाने से पाचन सुधारता है, गैस, अम्लता और बदबू दूर होती है और यह पेट को आराम देता है.

कब चबाएं?

  • खाने के तुरंत बाद
  • सोने से पहले
  • सफर में, तुरंत पाचन या सांस ताज़ा करने के लिए

सौंफ का पानी पीने के फायदे

सौंफ का पानी शरीर को हाइड्रेट करता है और साथ ही डिटॉक्स भी करता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और डायूरेटिक गुण शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालते हैं और लीवर-किडनी को स्वस्थ रखते हैं. वजन घटाने में मदद, यह पानी मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है, पानी रिटेंशन कम करता है और भूख पर काबू करता है. पेट की जलन और कब्ज से राहत मिलता है खासतौर पर गुनगुना सौंफ पानी पेट को आराम देता है और पाचन में मदद करता है. हार्मोन संतुलन और पीरियड्स में राहत सौंफ में मौजूद फाइटोएस्ट्रोजन मासिक धर्म के दर्द और हार्मोनल बदलाव को संतुलित करने में मदद करता है. त्वचा में निखार के तौर पर डिटॉक्स इफेक्ट से चेहरे पर ग्लो आता है और सूजन कम होती है.

कब पिएं?

  • सुबह खाली पेट
  • खाने से पहले या बाद में
  • गर्मियों में ठंडा करके, ताजगी के लिए

कौन-सा तरीका बेहतर?

  • अगर आप तुरंत पाचन और ब्रीथ फ्रेशनिंग चाहते हैं, तो सौंफ चबाना सही है.
    अगर आपका लक्ष्य डिटॉक्स, वजन कम करना, हार्मोन बैलेंस और त्वचा सुधारना है, तो सौंफ का पानी पीना ज्यादा फायदेमंद रहेगा.
    सबसे अच्छा तरीका है. दोनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना.
  • सुबह खाली पेट एक गिलास सौंफ का पानी पिएं
  • दिन में या खाने के बाद 1-2 चम्मच सौंफ चबाएं

जरूर बरतें ये सावधानियां

  • रोज 1–2 चम्मच से ज्यादा सौंफ न लें.
  • प्रेग्नेंट महिलाएं नियमित सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लें.
  • अगर आपको गाजर, अजवाइन या मोगवॉर्ट से एलर्जी है तो सौंफ से भी एलर्जी हो सकती है.
  • इस तरह सौंफ चाहे चबाकर लें या पानी के रूप में, यह आपके पाचन, वजन, हार्मोन और त्वचा, सबके लिए एक छोटा सा लेकिन असरदार हेल्थ बूस्टर है.

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