चैट जीपीटी से पूछा नमक के बदले क्या खाऊं? जवाब में मिली ऐसी चीज, पहुंच गया ICU, कहीं आप तो नहीं करते ऐसा

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Man in ICU after follow Chatgpt Diet: एक व्यक्ति ने आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस चैट जीपीटी से पूछा कि नमक के बदले क्या खाउं. चैट जीपीटी ने नमक के बदले जो जीच खाने को कहा, उससे वह अस्पताल पहुंच गया.

चैट जीपीटी से पूछा नमक के बदले क्या खाऊं? जवाब में मिली ऐसी चीज, पहुंच गया ICU
Man in ICU after follow Chatgpt Diet: यह बेहद अविश्वसनीय खबर है. एक हैरान कर देने वाले मामले में एक व्यक्ति आईसीयू पहुंच गया. वह व्यक्ति आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का बहुत इस्तेमाल करता था.लेकिन यह आदत बेहद भारी हो गई और वह मरते-मरते बचा. दरअसल, वह व्यक्ति चैटजीपीटी से पूछा कि नमक के बदले में क्या खाना चाहिए. चैट जीपीटी ने कई विकल्प बताए जिसमें एक था सोडियम ब्रोमाइड. यह एक तरह का लो जहर है. इसके बाद उस व्यक्ति को ChatGPT द्वारा दी गई सलाह जानलेवा स्थिति में पहुंचा दिया. डॉक्टरों का कहना है कि यह मामला एआई से जुड़ी ब्रोमाइड विषाक्तता का अब तक का पहला मामला हो सकता है.

3 महीने तक सोडियम ब्रोमाइड का सेवन
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों द्वारा एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन: क्लिनिकल केसेस में रिपोर्ट किए गए इस मामले में बताया गया है कि व्यक्ति ने तीन महीने तक सोडियम ब्रोमाइड का सेवन किया. उसे चैट जीपीटी ने बताया था कि सोडियम ब्रोमाइड क्लोराइड का सुरक्षित विकल्प है. उसने इसका पालन करते हुए सोडियम ब्रोमाइड का 3 महीने से सेवन किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रोमाइड कंपाउंड का पहले नींद की कमी और एंग्जाइटी की बीमारी में इस्तेमाल किया जाता था लेकिन इसके इतने साइड इफेक्ट्स होते थे कि आखिरकार इसका इस्तेमाल बंद कर दिया गया. आज ब्रोमाइड मुख्य रूप से पशु चिकित्सा की दवाओं और कुछ औद्योगिक उत्पादों में पाया जाता है. इसलिए ब्रोमाइड के कारण टॉक्सिसिटी के मामले बेहद रेयर है.

तीन सप्ताह तक अस्पताल में रहना पड़ा
इस व्यक्ति का मामला भी बेहद दिलचस्प है. वह हमेशा टेबल सॉल्ट के दुष्परिणामों के बारे में पढ़ता था. टेबल सॉल्ट के बारे में चिंतित होकर एक दिन उसने एआई से क्लोराइड के विकल्प पूछे थे. कथित तौर पर चैटबॉट ने ब्रोमाइड को सुरक्षित विकल्प के रूप में सुझाया जिसे उसने बिना सोचे-समझे खाना शुरू कर दिया. जब वह लगातार सोडियम ब्रोमाइड का सेवन करने लगा तब उसे धीरे-धीरे परेशानी होने लगी. उसे कंफ्यूजन होने लगा था. इसके अलावा भी कई तरह की परेशानियां होने लगी. इसके बाद भी उन्होंने एआई का सहारा लिया. अजीब स्थिति तो तब हो गई जब वह सोचने लगा कि उसका पड़ोसी उसे जहर दे रहा है. वह हमेशा सबको शक की नजरों से देखना लगा. धीरे-धीरे वह मानसिक रोग का भी शिकार हो गया. उसे जब प्यास लगता था तो भी वह पानी नहीं पीता था. जब परेशानी बढ़ गई तो उसे अस्पताल लाया गया. इंट्रावीनस तरल और एंटीसाइकोटिक दवा देने के बाद उसके लक्षण सुधरने लगे. मानसिक बीमारी के लिए अलग से सलाह दी गई. सप्ताह भर के बाद वह बोलने की स्थिति में आया. जब वह बात करने की स्थिति में आया, तो उसने अपनी बीमारी का कारण बताया. डॉक्टरों के पास उसका मूल चैट लॉग नहीं था, लेकिन बाद में उन्होंने ChatGPT से वही सवाल पूछा तो एआई ने ने ब्रोमाइड को एक संभावित विकल्प के रूप में बताया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि यह मनुष्यों के सेवन के लिए असुरक्षित है. तीन सप्ताह तक इलाज कराने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.

सेहत के मामले में एआई का इस्तेमाल न करें
एक्सपर्ट का कहना है कि यह दर्शाता है कि एआई जो विकल्प देता है उसके साइड इफेक्ट्स नहीं बताता. इसलिए अगर आप एआई के इस्तेमाल दवा जैसी क्रिटिकल चीजों के लिए करते हैं तो इसका नुकसान हो सकता है. उदाहरण के लिए जब शरीर में कैसर पनपता है तो उसके कुछ लक्षण दिखते हैं जैसे कहीं गांठ हो जाना या वजन कम होना या बुखार आना. लेकिन कई अन्य बीमारियों में भी बुखार और वजन कम होने जैसे लक्षण दिखते हैं. ऐसे में यदि आप चैटजीपीटी से कैंसर के लक्षण पूछेंगे तो वजन कम होना तो बताएगा लेकिन यह नहीं बतागा कि अन्य बीमारियों में भी वजन कम होता है. इसलिए सेहत के मामलों में हमेशा डॉक्टरों की राय माननी चाहिए.

LAKSHMI NARAYAN

Excelled with colors in media industry, enriched more than 18 years of professional experience. L. Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. He professed his contribution in the…और पढ़ें

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