मानसून में बदलिए प्लान! खेतों में लगा दें अमरूद, संतरा, आम और केला की ये किस्में, नोटों से भर जाएगी तिजोरी

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Agriculture News: खरगोन के वैज्ञानिक डॉ. एसके त्यागी के अनुसार, मानसून में अमरूद, संतरा, आम और केले की उन्नत किस्मों की बागवानी कर किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.

हाइलाइट्स

  • मानसून में अपनाएं ये बागवानी वैरायटीज़
  • फलों की खेती शुरू कीजिए और देखिए कमाल
  • उत्पादन में अधिक और बाजार मांग
खरगोन. अगर आप इस मानसून खेती में कुछ नया और मुनाफेदार करने की सोच रहे हैं, तो बागवानी की ओर कदम बढ़ा सकते हैं. खरगोन के उद्यानिकी वैज्ञानिक डॉ. एसके त्यागी बताते हैं कि, अमरूद, संतरा, आम और केले की कुछ खास किस्में ऐसी हैं, जो कम लागत में अधिक उत्पादन देती हैं. इन वैरायटियों को अपनाकर कई किसानों ने लाखों की आमदनी हासिल की है. इस वक्त खेत तैयार कर रोपण किया जाए, तो आने वाले सालों में बेहतर लाभ मिल सकता है.

अमरूद की खेती के लिए इलाहाबाद सफेदा और लखनऊ 49 दो प्रमुख वैरायटियां हैं. इलाहाबाद सफेदा का स्वाद मीठा और गूदा मुलायम होता है, जो बाजार में अधिक दाम दिलाता है. वहीं लखनऊ 49 की खासियत इसकी लम्बी उत्पादन अवधि और रोग प्रतिरोधक क्षमता है. ये दोनों किस्में मध्यम से कम भूमि में भी अच्छा उत्पादन देती हैं और वर्ष में दो बार फल देती हैं.

नागपुरी संतरा के फायदे
संतरे की नागपुरी वैरायटी सबसे लोकप्रिय और भरोसेमंद मानी जाती है. यह किस्म विदर्भ क्षेत्र की पहचान बन चुकी है और अब देशभर में इसकी मांग है. खरगोन में कई किसानों ने इस वैरायटी को लगाया है. इसका छिलका पतला और स्वाद खट्टा-मीठा होता है. एक पेड़ से औसतन 300 से 500 संतरे तक की उपज होती है. मिट्टी हल्की दोमट और सिंचाई की बेहतर व्यवस्था हो तो नागपुरी संतरा सोने पर सुहागा साबित होता है.

आम्रपाली और मल्लिका से बेहतर कमाई
आम के लिए आम्रपाली और मल्लिका वैरायटियां वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित हैं. आम्रपाली का आकार छोटा लेकिन गूदा फाइबर-रहित और मिठास से भरपूर होता है. यह बगैर ग्राफ्टिंग के छोटे बगीचों में भी लगाई जा सकती है. वहीं मल्लिका किस्म का फल बड़ा, आकर्षक और लंबे समय तक टिकने वाला होता है, जिससे बाजार में अच्छी कीमत मिलती है. ये दोनों किस्में किसानों के लिए भरोसेमंद विकल्प हैं.

केले की G-9 वैरायटी से बंपर मुनाफा
केले की जी-9 वैरायटी सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली किस्म है. इसकी खासियत यह है कि यह पूरे साल लगाई जा सकती है और रोगों के प्रति काफी हद तक प्रतिरोधी है. एक पौधे से 20 से 30 किलो तक उत्पादन संभव है. इसकी फसल 11-12 महीने में तैयार हो जाती है और मांग हमेशा बनी रहती है. देशभर में कई किसान G-9 से लाखों की कमाई कर चुके हैं.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें

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मानसून में बदलिए प्लान! खेतों में लगा दें अमरूद, संतरा, आम और केला की ये किस्म

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