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Impact of Wearing Shoes Whole Day: क्या पूरा दिन जूते पहनना सेहत के लिए सही है. बिल्कुल नहीं. ऐसा कहना है डॉक्टरों का. इसलिए यदि पूरा दिन जूते पहनकर रहते हैं तो इस बात की जानकारी जरूर ले लें.
हाइलाइट्स
- पूरे दिन जूते पहनने से पैरों की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं.
- जूते पहनने से फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा बढ़ता है.
- पैरों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज करें.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर में कोकिलाबेन अस्पताल मुंबई के कंसल्टेंट पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. विकास बासा ने बताया कि लंबे समय तक जूते पहनने से पैर एक निश्चित स्थिति में बंद हो जाते हैं जिससे पैरों की मांसपेशियां सख्त और कमजोर होने लगती है. यह लगातार जकड़न पैरों की स्वाभाविक गति को कम कर देती है और लंबे समय में कई प्रकार की पैरों से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकती है. जो जूते फिट नहीं होते या जो लोग बहुत कसकर जूते बंद करते हैं, उन्हें और ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. स्किन और जूते के अंदरूनी हिस्से के बीच लगातार रगड़ से ये दर्दनाक स्थितियां उत्पन्न होती हैं. डॉ. बासा के अनुसार जो जूते ठीक से फिट नहीं होते या जो पैरों को सही तरह से हिलने-डुलने नहीं देते वे इन त्वचा संबंधी समस्याओं की आशंका को बढ़ा देते हैं.
क्या-क्या परेशानियां होगी
फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण: भारत जैसे गर्म वातावरण में पूरे दिन जूते पहनने से अत्यधिक पसीना आता है. अपोलो अस्पताल के ऑर्थोपेडिक कंसल्टेंट डॉ. सिद्धार्थ यादव ने बताया कि जूते के अंदर फंसी नमी बैक्टीरिया और फंगस के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण बनाती है, जिससे एथलीट्स फुट जैसे संक्रमण हो सकते हैं.
पैरों की देखभाल कैसे करें?
अपने पैरों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि आप उन्हें समय-समय पर जूतों से मुक्त रखें. डॉ. बासा की सलाह है कि नियमित अंतराल पर जूते उतारें ताकि पैरों को सांस लेने का मौका मिले. डॉ. सिद्धार्थ यादव के मुताबिक पैरों की देखभाल के लिए खुले पैरों की एक्सरसाइज जरूर करें. इसके लिए पैरों की स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज करें. नियमित रूप से स्ट्रेचिंग करने से पैरों की लचीलापन और ताकत बनी रहती है.वहीं रोज़ाना अपने पैरों को धोएं,इसे अच्छी तरह सुखाएं और मॉइस्चराइज़ करें. हमेशा जूतों को साफ और सूखा रखें ताकि फंगल संक्रमण से बचा जा सके.
Excelled with colors in media industry, enriched more than 18 years of professional experience. L. Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. He professed his contribution in the…और पढ़ें
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