HPV Vaccine: कई बार छोटी-छोटी लापरवाही गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती हैं. इसलिए किसी भी बीमारी को छोटा समझने की भूल नहीं करनी चाहिए. ऐसी ही बीमारियों में एक सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) है. आपको बता दें कि, एचपीवी वायरस ही सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण है. यह महिलाओं में दूसरा सबसे घातक कैंसर है. यह बीमारी आज महिलाओं के लिए गंभीर चिंता का विषय बनकर उभरी है. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो, इससे बचाव का एक ही फॉर्मूला ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) का टीका है. अब सवाल है कि आखिर एचपीवी वैक्सीन क्या है? HPV Vaccine बचपन में किस उम्र में लगवा लेनी चाहिए? एचपीवी वैक्सीन कैसे करती है काम? इस बारे में News18 को बता रही हैं नोएडा की सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट मीरा पाठक-
एचपीवी वैक्सीन क्या है?
एचपीवी वैक्सीन (HPV Vaccine) एक टीका है, जो ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papilloma Virus) से बचाता है. यह वायरस कई तरह के कैंसर और जननांग मस्सों का कारण बन सकता है. डॉक्टर के मुताबिक, एचपीवी वायरस 200 से ज्यादा टाइप का होता है. एचपीवी वैक्सीन कुछ एचपीवी प्रकारों के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली को तैयार करके काम करता है, ताकि भविष्य में संक्रमण होने पर शरीर उनसे बेहतर तरीके से लड़ सके. एचपीवी टीका गर्भाशय ग्रीवा, योनि, लिंग, गुदा और गले के कैंसर को भी रोकने में मददगार है.
HPV Vaccine बचपन में किस उम्र में लगवा लेनी चाहिए?
डॉक्टर के मुताबिक, 9 से 14 वर्ष की आयु की बच्चियों को एचपीवी वैक्सीन (HPV Vaccine) अवश्य लगवानी चाहिए. यह टीका भविष्य में सर्वाइकल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता रखता है. उन्होंने बताया कि यह वैक्सीन गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) में होने वाले एचपीवी वायरस (Human Papilloma Virus) के संक्रमण से बचाती है, जो आगे चलकर कैंसर का कारण बन सकता है.
क्या शादी के बाद भी लगवा सकते HPV Vaccine
समाज में कुछ ऐसी अवधारणाएं व्याप्त हैं कि शादी के बाद एचपीवी का टीका नहीं लगता है. क्योंकि सेक्सुअल एक्टिव होने के बाद यह टीका काम नहीं करता है. लेकिन, डॉक्टर इस मतभेद को दूर करते हुए कहती हैं कि, एचपीवी वैक्सीन 9 से 14, 14 से 25 और 25 से 45 साल तक महिलाएं लगवा सकती हैं. ये टीका उनको कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा सकता है.
कितना सुरक्षित है एचपीवी वैक्सीन
एक्सपर्ट की मानें तो एचपीवी वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है. यह टीका दो खुराकों में लगाया जाता है और इसके कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होते हैं. हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि इस टीके के साथ-साथ हेल्दी जीवनशैली, सुरक्षित यौन व्यवहार और नियमित जांच जरूर कराना चाहिए. ये सभी तरीके सर्वाइकल कैंसर को पूरी तरह रोकने में कारगर साबित हो सकते हैं.