घर बेच शुरू किया बिजनेस तो लोग बोले-पागल है, आज करोड़पति है ये युवा

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Success Story- इकोसोल होम के सह-संस्‍थापक राहुल सिंह का जन्‍म छत्‍तीगढ के दुर्ग जिले में हुआ. साल 2001 में अपनी 12वीं कक्षा की पढ़ाई एक सरकारी स्कूल से पूरी की. बीटेक और एमबीए की पढाई के बाद वे अमेरिका चले गए….और पढ़ें

भारत से राहुल 2008 में अमेरिका चले गए.

हाइलाइट्स

  • राहुल सिंह ने 2020 में इकोसोल होम की शुरुआत की.
  • राहुल ने अमेरिका में नौकरी छोड़कर बिजनेस शुरू किया.
  • इकोसोल होम के उत्पाद 7 देशों में बिकते हैं.
नई दिल्ली. इरादे मजबूत हों और कड़ी मेहनत की जाए तो कोई भी सपना हकीकत बन सकता है. इसे साबित किया है इकोसोल होम (Ecosol Home) के सह-संस्थापक राहुल सिंह ने. अमेरिका में अपनी जमी-जमाई नौकरी छोड़कर जब उन्‍होंने इको-फ्रेंडली प्रोडक्‍ट बनाने वाली कंपनी खोलने का फैसला किया तो उनके इस विचार का समर्थन न घरवालों ने किया और न ही दोस्‍तों-रिश्‍तेदारों ने. लेकिन, राहुल को पता था कि वे अपनी मेहनत से कुछ बड़ा कर सकते हैं. अपने इसी विश्‍वास और जज्‍बे के चलते आज उन्‍होंने एक ऐसी कंपनी खड़ी कर दी है, जिसके ईको-फ्रेंडली प्रोडक्‍ट भारत सहित 7 देशों में बिकते हैं.

राहुल सिंह का जन्‍म छत्‍तीगढ के दुर्ग जिले में हुआ. साल 2001 में अपनी 12वीं कक्षा की पढ़ाई एक सरकारी स्कूल से पूरी की. इसके बाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सूरत से बीटेक किया. बीटेक के बाद उन्‍होंने XLRI – जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, जमशेदपुर से एमबीए किया. एमबीए करने के बाद राहुल ने नौकरी शुरू की.

नौकरी छोड़ शुरू किया बिजनेस

राहुल ने साल 2019 में अमेरिका की अपनी नौकरी छोड़ दी. उन्‍होंने अरविंद गणेशन के साथ मिलकर पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद बनाने के लिए इकोसोल होम की शुरूआत 2020 में की. अरविंद को ब्रांड मैनेजमेंट, मार्केटिंग और सप्लाई चेन ऑपरेशंस में 15 सालों से ज्‍यादा का अनुभव था. राहुल और अरविंद ने 4 करोड़ का निवेश कर इकोसोल होम की शुरूआत की. 4 करोड़ के निवेश के लिए राहुल ने अपनी पूरी कमाई लगा दी. उन्‍होंने न्यूयॉर्क में अपना घर भी बेच दिया.

कर्नाटक के तुमकुर में 5,000 वर्ग फीट में इकोसोल होम की मैन्‍यूफैक्‍चरिंग यूनिट 25 कर्मचारियों के साथ शुरू की. शुरूआत में उन्‍हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. वे बांस, गन्ने की खोई और ताड़ के पत्तों से रसोई उत्पाद बनाते थे. कच्‍चे माल के साथ ही इन्‍हें बेचने में भी दिक्‍कत होती थी क्‍योंकि बांस और पत्‍तों से बने चॉपिंग बोर्ड, सर्विंग यूटेंसिल्स, प्लेट और कटोरी का यूज नहीं कर रहे थे. राहुल और अरविंद ने अपने ईको-फ्रेंडली प्रोडक्‍ट्स को लोकप्रिय बनाने को जी-तोड़ मेहनत की. उनका संघर्ष रंग लाया.

7 देशों में फैला कारोबार

इकोसोल की वेबसाइट के मुताबिक, आज कंपनी का कारोबार सात से ज्‍यादा देशों में फैला है. कंपनी 1800 से ज्‍यादा प्रोडक्‍ट बनाती है. भारत में कंपनी के 50 से ज्‍यादा रिटेल स्‍टोर हैं. कंपनी आज ईको फ्रेंडली कप, प्‍लेट, गिलास सहित किचन और घर में काम आने वाले बहुत से उत्‍पाद बनाती है. कंपनी का टर्नओवर आज 300 करोड़ रुपये के करीब है.

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