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8 foods to increase Breast milk production: प्रत्येक वर्ष 1 से 7 अगस्त तक दुनिया भर में ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’ सेलिब्रेट किया जाता है. इस दिवस को मनाने का मकसद नई बनी मांओं और समाज को ब्रेस्टफीड के महत्व के प्रति जागरूक करना है. एक शिशु को 6 महीने तक सिर्फ मां के दूध से ही संपूर्ण पोषण मिलता है. इससे शिशु रोगों से बचे रहते हैं. उनका शारीरिक और मानसिक विकास सही से होता है. आजकल कामकाजी महिलाओं के लिए ब्रेस्टफीड कराना चुनौती के समान है. कुछ महिलाएं वे चीजें नहीं खाती हैं, जिनसे ब्रेस्ट मिल्क प्रोडक्शन बढ़े. आयुर्वेद में कुछ ऐसे फूड्स के बारे में जिक्र है, जो ब्रेस्ट मिल्क के प्रोडक्शन को बढ़ावा देते हैं. ये मांओं के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, साथ ही शिशु का पेट भी सही तरीके से भर सकता है.
आयुर्वेद के अनुसार, मेथी दाना, सौंफ, शतावरी, हरी पत्तेदार सब्जियां ब्रेस्टफीड कराने वाली मांओं के लिए वरदान माना गया है. इन चीजों के सेवन से मिल्क प्रोडक्शन बढ़ता है. साथ ही मां और शिशु की सेहत भी दुरुस्त रहती है.

मेथी दाने- भारत सरकार के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) की वेबसाइट के अनुसार, मेथी में हाइपोकॉलेस्टेरोलेमिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटी-डायबिटिक, हेपेटोप्रोटेक्टिव और एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं. यह ब्रेस्टफीड, हार्मोन संतुलन, पाचन, इम्यूनिटी और प्रजनन स्वास्थ्य को बूस्ट करते हैं. मेथी में मौजूद फाइटोएस्ट्रोजन हार्मोन को संतुलित करता है, जिससे ब्रेस्ट मिल्क उत्पादन में मदद मिलती है.

सूखे मेवे- आप ड्राई फ्रूट्स के सेवन से भी ब्रेस्ट मिल्क के प्रोडक्शन को बढ़ा सकती हैं. इसके लिए आप अखरोट, बादाम, काजू, पिस्ता खाएं. ये ऊर्जा बढ़ाते हैं. ये हेल्दी फैट्स के स्रोत हैं, जो हार्मोनल संतुलन बनाकर मिल्क प्रोडक्शन को बढ़ावा देते हैं. इन्हें स्नैक्स के रूप, रोस्ट करके दिन भर में एक से दो बार खा सकते हैं.

शतावरी- आयुर्वेदिक औषधियों में शतावरी को महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य में अहम माना गया है. यह दूध बनने की प्रक्रिया को तेज करती है. इसे पाउडर या गोली के रूप में आप ले सकती हैं, लेकिन आयुर्वेदिक चिकित्सक से बिना सलाह लिए न करें सेवन.

हरी पत्तेदार सब्जियां- इनका सेवन जरूर करना चाहिए. इसमें पालक, मेथी, सरसों का साग, लौकी, तोरी जैसी सब्जियां विशेष रूप से फायदेमंद होती हैं. इनमें आयरन, कैल्शियम, फाइबर और आवश्यक विटामिन्स होते हैं, जो स्तनपान कराने वाली महिलाओं के पोषण के लिए आवश्यक हैं. लौकी की सब्जी और दालें मिल्क की क्वालिटी, क्वांटिटी दोनों में इजाफा करती है.

सौंफ के बीज-इसे आयुर्वेद और विज्ञान में पाचन और हार्मोनल बैलेंस के लिए जाना जाता है. इसका पानी या चाय बनाने पर यह स्तन दूध को बढ़ाने में सहायक होता है.

अलसी के बीज- इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर होते हैं. मां की सेहत के साथ-साथ ब्रेस्ट मिल्क की मात्रा में भी वृद्धि करते हैं. इन्हें सूखा भूनकर माउथ फ्रेशनर की तरह ले सकती हैं.

जीरा- हर भारतीय रसोई का हिस्सा है जीरा. इसे दाल, सब्जी, नॉनवेज आदि हर चीज में ही डाला जाता है. प्रसव के बाद की थकान को कम करता है. दूध उत्पादन को बढ़ाता है. जीरे का पानी दिन में दो बार पीना लाभकारी है.

तिल- इसमें कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो हार्मोनल बैलेंस को बनाए रखते हैं. तिल से बने लड्डू या सब्जियों में इनका तड़का लगाकर सेवन लाभदायक होता है.