‘ब्रह्मोस’ चाहिए, अमेरिकी माल की जरूरत नहीं… चीन के कट्टर दुश्मन ने सीना ठोंककर निभाई भारत से दोस्ती

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BrahMoS is better than Tomahawk: चीन के कट्टर दुश्मन देश के सामने जब भारतीय सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस और अमेरिकी टॉमहॉक मिसाइल का ऑप्शन रखा गया, तो उसने ब्रह्मोस को चुनने में 5 सेकंड का भी वक्त नहीं लिया.

'ब्रह्मोस' चाहिए, अमेरिकी माल नहीं... चीन के दुश्मन ने निभाई भारत से दोस्तफिलीपींस ने झट से चुन लिया ब्रह्मोस.
अमेरिका और भारत के बीच बिगड़ते व्यापारिक रिश्ते चिंता जरूर पैदा कर रहे हैं लेकिन आज भी दुनिया के कुछ देश हैं, जो भारतीय चीजों को अमेरिकी माल से ऊपर रखते हैं. अगर आपको यकीन नहीं हो रहा है, तो हम आपको चीन के कट्टर दुश्मन माने जाने वाले देश के प्रेसिडेंट का एक बयान सुनवाते हैं, जिसमें उन्होंने भारतीय सुपरसोनिक मिसाइल को उस अमेरिकी मिसाइल से ऊपर रखा, जो उसने ईरान में इस्तेमाल की थी.

चीन के कट्टर दुश्मन देश के सामने जब भारतीय सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस और अमेरिकी टॉमहॉक मिसाइल का ऑप्शन रखा गया, तो उसने ब्रह्मोस को चुनने में 5 सेकंड का भी वक्त नहीं लिया. आप खुद इस वीडियो में देख सकते हैं कि फर्स्टपोस्ट से बातचीत के दौरान फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस ने क्या कहा.

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