रियल एस्टेट में आने वाला है बूम! RBI के इस फैसले से खूब बढ़ सकती है घरों की डिमांड

RBI Repo Rate Cut: भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से एक बार फिर रेपो रेट में कटौती किए जाने की बात की जा रही है. भारतीय स्टेट बैंक  (SBI) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 4 से 6 अगस्त के बीच रिजर्व बैंक की होने वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती होने की घोषणा की जा सकती है.  

सस्ते लोन से बढ़ेगी घरों की डिमांड 

क्रीवा और कनोडिया ग्रुप के फाउंडर डॉ. गौतम कनोडिया का कहना है कि आरबीआई की नीति में संतुलन और दूरदर्शिता देखने को मिल रही है, जिसका लाभ रियल एस्टेट सेक्टर को मिला है. बीते महीनों में की गई तीन बार की कटौती के बाद अगर एक और बार रेपो रेट घटाई जाती है, तो इससे रियल एस्टेट में बिक्री और बुकिंग दोनों को और गति मिल सकती है.

उन्होंने बताया, सस्ते कर्ज की उपलब्धता से घर खरीदारों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और बाजार में नकदी की उपलब्धता भी बेहतर होगी. मौजूदा समय में जब आर्थिक गतिविधियों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है और रियल एस्टेट निवेशकों के लिए एक स्थिर विकल्प बनकर उभरा है, ऐसे में रेपो रेट में संभावित कटौती देश की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने और निवेशकों की धारणा को मजबूत करने वाला कदम साबित हो सकता है. 

घर खरीदने का बनेगा बेहतर माहौल 

इसी तरह से एसएस ग्रुप के एमडी और सीईओ अशोक सिंह जौनापुरिया का कहना है कि वित्त मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक देश में खुदरा महंगाई यानी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) लगातार 4 परसेंट से नीचे बना हुआ है, जिससे रेपो रेट में और कटौती की संभावना बनती है. अब तक की गई तीन बार की कटौती यह दिखाती है कि सरकार रियल एस्टेट सेक्टर में मांग को प्रोत्साहित करना चाहती है. अगर अगस्त में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की एक और कटौती होती है, तो इसका सीधा लाभ घर खरीदारों को मिलेगा. इससे न सिर्फ खरीदारों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि बाजार में घर खरीदने का बेहतर माहौल भी तैयार होगा. 

मिड-सेगमेंट बायर्स की बढ़ेगी भागीदारी 

एम2के ग्रुप के हेड ऑफ मार्केटिंग, सेल्स और सीआरएम डॉ. विशेष रावत का कहना है कि पिछली बार रेपो रेट में की गई कटौती का असर स्पष्ट रूप से दिखाई दिया, जिससे होम लोन की ब्याज दरें कम हुईं और मिड-सेगमेंट बायर्स की भागीदारी बढ़ी.

अगर आने वाली पॉलिसी मीटिंग में आरबीआई 25 बेसिस प्वाइंट की और कटौती करता है, तो इससे रियल एस्टेट सेक्टर को नई ऊर्जा मिलेगी. इससे न केवल खरीदारों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि डेवलपर्स को भी प्रोजेक्ट्स के लिए किफायती दरों पर फंडिंग मिलेगी, जिससे निर्माण गतिविधियों को गति मिलेगी.

सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर मार्केटिंग और बिजनेस मैनेजमेंट सलिल कुमार का कहना है कि केंद्रीय बैंक की तरफ से इस साल प्रमुख नीतिगत दर रेपो में एक प्रतिशत की कटौती की गई है. पिछले कुछ महीनों में ब्याज दरें कम हुई हैं, जिससे लोगों के लिए घर खरीदने का माहौल बेहतर हुआ है.

अगर अब एक बार फिर रेपो रेट घटती है, तो फेस्टिव सीजन से पहले रियल एस्टेट बाजार को अच्छा फायदा मिलेगा और निवेश करने वाले लोग भी ज्यादा एक्टिव होंगे. रेपो रेट कम होने से होम लोन, कार लोन जैसे सभी लोन सस्ते हो जाते हैं, जिससे लोगों की ईएमआई भी घट जाती है. 

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