बुक रिव्यू- वक्त थोड़ा है, इसे बर्बाद न करें: सिर्फ काम खत्म ही नहीं, शुरू करने की भी डेडलाइन, वो 10 बातें जो ये किताब सिखाएगी

1 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारी

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किताब- टाइमबॉक्सिंग

लेखक- मार्क जाओ-सैंडर्स

अनुवाद- प्रणव मिश्रा

प्रकाशक- मंजुल प्रकाशन

मूल्य- 399 रुपए

‘टाइमबॉक्सिंग’ एक ऐसी किताब है जो आपको समय के साथ दोस्ती करना सिखाती है। मार्क जाओ-सैंडर्स ने इस किताब में एक सरल लेकिन, शक्तिशाली तकनीक पेश की है, जिसे अपनाकर आप अपने रोजमर्रा के कामों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकते हैं। यह किताब सिर्फ समय प्रबंधन की बात नहीं करती, बल्कि यह आपको अपने जीवन में संतुलन और शांति लाने का रास्ता भी दिखाती है। अगर आप कभी यह सोचकर परेशान हुए हैं कि दिन के 24 घंटे कम क्यों पड़ते हैं, तो यह किताब आपके लिए एक उम्मीद की किरण हो सकती है। आइए, इस किताब की खासियतों और इसके फायदों को विस्तार से समझते हैं।

टाइमबॉक्सिंग क्या है?

टाइमबॉक्सिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें आप अपने कामों को पहले से चुनते हैं, उन्हें अपने कैलेंडर में एक निश्चित समय के साथ दर्ज करते हैं, और फिर उस समय के भीतर पूरी एकाग्रता के साथ उन्हें पूरा करते हैं। यह समय प्रबंधन की दूसरी तकनीकों जैसे टाइम-ब्लॉकिंग या शेड्यूलिंग से अलग है। जहां टाइम-ब्लॉकिंग सिर्फ समय को आरक्षित करने की बात करता है, वहीं टाइमबॉक्सिंग उस समय में काम को पूरा करने की प्रतिबद्धता जोड़ता है।

लेखक के शब्दों में, यह आपके टू-डू लिस्ट और कैलेंडर का एक शानदार मेल है। टू-डू लिस्ट बताती है कि क्या करना है, और कैलेंडर बताता है कि कब करना है। दोनों का संयोजन आपके दिन को व्यवस्थित और कारगर बनाता है। यह तकनीक हमें सिखाती है कि हर काम को परफेक्ट करने की बजाय उसे स्वीकार्य स्तर तक पूरा करें, ताकि हम ज्यादा से ज्यादा काम निपटा सकें।

यह किताब क्यों है इतनी खास?

मार्क जाओ-सैंडर्स ने टाइमबॉक्सिंग को कुछ ऐसी खूबियों के साथ पेश किया है जो इसे बाकी समय प्रबंधन तकनीकों से अलग बनाती हैं:

  • तार्किक: यह तकनीक आपके जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीजों को चुनने और उन्हें प्राथमिकता देने का एक व्यवस्थित तरीका देती है। यह आपके समय का उपयोग घंटे-दर-घंटे ऑप्टिमाइज करती है।
  • प्राकृतिक: हम पहले से ही अपने दिन का कुछ हिस्सा टाइमबॉक्सिंग की तरह जीते हैं- जैसे मीटिंग्स, डिनर बुकिंग या जिम का समय। यह बस उसी आदत को पूरे दिन में फैलाने की बात है।
  • क्रियात्मक: इसे शुरू करना बेहद आसान है। बस अपने कैलेंडर में एक काम डालें, उसका समय तय करें, और शुरू हो जाएं।
  • पूरक: यह दूसरी तकनीकों जैसे ईसेनहावर मैट्रिक्स या पोमोडोरो के साथ भी बखूबी काम करती है। आप इसे अपनी मौजूदा आदतों में शामिल कर सकते हैं।
  • अज्ञात लेकिन प्रभावी: टाइमबॉक्सिंग अभी उतनी लोकप्रिय नहीं है जितनी दूसरी तकनीकें, लेकिन इसके फायदे इसे एक छिपा हुआ खजाना बनाते हैं।

यह आपकी जिंदगी कैसे बदल सकती है?

इस किताब को पढ़ने और इस तकनीक को अपनाने के बाद आपको कई फायदे मिल सकते हैं:

समय का बेहतर उपयोग: आप अपने दिन को पहले से प्लान करके बेकार की व्यस्तता से बच सकते हैं।

प्रोडक्टिविटी में वृद्धि: एक समय में एक काम पर ध्यान देने से आप ज्यादा काम तेजी से पूरा कर पाते हैं।

तनाव में कमी: जब आप जानते हैं कि हर काम का समय तय है, तो दिमाग शांत रहता है।

जीवन में संतुलन: काम, परिवार और खुद के लिए समय निकालना आसान हो जाता है।

लेखक का मानना है कि हमारा जीवन हमारे अनुभवों का कुल योग है। अगर हम अपने समय को सही से चुनें और इस्तेमाल करें, तो हम एक बेहतर जिंदगी जी सकते हैं। टाइमबॉक्सिंग इसी सोच को हकीकत में बदलने का औजार है।

यह कैसे काम करती है?

‘टाइमबॉक्सिंग’ किताब चार हिस्सों में बंटी है, और हर हिस्सा आपको इस तकनीक को समझने और अपनाने में मदद करता है। पहले हिस्से में लेखक टाइमबॉक्सिंग की परिभाषा और बुनियाद को समझाते हैं। दूसरा हिस्सा इसके फायदों पर रोशनी डालता है। तीसरे हिस्से में इसे लागू करने के तरीके बताए गए हैं, और चौथा हिस्सा आपको प्रैक्टिकल सुझाव देता है।

लेखक का कहना है कि यह तकनीक आज की डिजिटल दुनिया में खासतौर से कारगर है, जहां हर पल हमारा ध्यान भटकाने वाली चीजें मौजूद हैं। सोशल मीडिया, नोटिफिकेशन्स और अनगिनत विकल्पों के बीच टाइमबॉक्सिंग हमें अपने समय पर नियंत्रण देती है।

टाइमबॉक्सिंग को कैसे अपनाएं?

लेखक ने इसे आसान बनाने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं:

छोटे कदमों से शुरू करें: अपने दिन के सिर्फ एक घंटे को टाइमबॉक्स करें और देखें कि यह कैसे काम करता है।

प्राथमिकताएं तय करें: सबसे जरूरी काम को पहले चुनें।

कैलेंडर का इस्तेमाल करें: हर काम को समय के साथ दर्ज करें।

ध्यान भटकने से बचें: फोन को साइलेंट करें और एक काम पर फोकस करें।

खुद को पुरस्कृत करें: काम पूरा होने पर कॉफी का ब्रेक लें या कुछ पसंदीदा करें।

अपने समय का मालिक बनाती है किताब

‘टाइमबॉक्सिंग’ एक ऐसी किताब है जो आपको अपने समय का मालिक बनना सिखाती है। यह न सिर्फ आपको अपने कामों को समय पर पूरा करने में मदद करती है, बल्कि आपको यह सोचने के लिए भी प्रेरित करती है कि आप अपने जीवन से क्या चाहते हैं। मार्क जाओ-सैंडर्स ने इसे इतने आसान और मानवीय अंदाज में लिखा है कि इसे पढ़ते हुए आपको लगेगा कि कोई दोस्त आपको सलाह दे रहा है।

यह किताब किसके लिए है?

यह किताब उन सभी को पढ़नी चाहिए जो अपने व्यस्त जीवन में थोड़ा सुकून और व्यवस्था चाहते हैं। यह किताब विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो अपने समय का सही उपयोग करना चाहते हैं और अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं। चाहे आप अपने कामों को प्राथमिकता देने में परेशानी महसूस करते हों, या अपने दिन को व्यवस्थित करने में मुश्किल हो, यह किताब आपको एक नया नजरिया देगी। यह किताब उन लोगों के लिए भी है जो अपने जीवन में संतुलन लाना चाहते हैं और अपने कामों को समय पर पूरा करना चाहते हैं।

कुल मिलाकर यह किताब हर उस शख्स के लिए है जो-

  • अपने समय का सही इस्तेमाल करना चाहता है।
  • प्रोडक्टिविटी बढ़ाने की कोशिश में है।
  • तनाव से छुटकारा पाना चाहता है।
  • अपने काम और निजी जिंदगी में संतुलन चाहता है।
  • चाहे आप स्टूडेंट हों, प्रोफेशनल हों या घर संभालने वाले, यह किताब आपको कुछ-न-कुछ जरूर सिखाएगी।

क्यों पढ़नी चाहिए?

अगर आप अपने जीवन में थोड़ी राहत, व्यवस्था और सफलता चाहते हैं, तो ‘टाइमबॉक्सिंग’ आपके लिए एक बेहतरीन मार्गदर्शक साबित हो सकती है। यह किताब न केवल आपको अपने कामों को समय पर पूरा करने में मदद करती है, बल्कि आपको अपने समय का मालिक बनने का आत्मविश्वास भी देती है। इसे पढ़कर आप नई ऊर्जा और स्पष्टता के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ सकते हैं।

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