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How to sharp your eye : पूरा दिन फोन में घुसे रहने के कारण आजकल बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक की आंखें कमजोर होने लगी है. मोबाइल स्क्रीन से निकली नीली रोशनी आंखों को बुरी तरह से प्रभावित तो करती ही है साथ ही यह पूरे शरीर के सिस्टम को बिगाड़ देती है. इससे बचने के लिए हम यहां फ्री वाला नुस्खा बता रहे हैं.
आयुर्वेद से लेकर आधुनिक चिकित्सा विज्ञान तक में अमरुद के पत्तों के अनगिनत फायदे बताए गए हैं. इसमें भरपूर एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफलामेटरी तत्व और प्लांट कंपाउड पाए जाते हैं. अमरूद के पत्तों में क्वेरसेटिन जैसे फ्लेवोनॉइड प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं. यह एंटीबैक्टीरियल भी होता है. यही कारण है कि यह आंखों की रोशनी तेज करने के लिए गुणशाली पत्तियां है. आयुर्वेद में अमरूद के पत्तों की चाय के अनेक फायदे बताए गए है. यह स्किन पर ग्लो लाने के लिए भी बहुत फायदेमंद है. आइए अमरुद की चाय के बनाने की कला और उसके फायदों के बारे में और जानें.

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के एक अध्ययन के अनुसार अमरूद की पत्तियों में मौजूद अनेक बायोएक्टिव कंपाउड मानव शरीर की विभिन्न शारीरिक और चयापचय संबंधी क्रियाओं को बढ़ाने और स्थिर रखने में सहायक माने गए हैं. अमरूद की पत्तियों में कई सेकेंडरी मेटाबोलाइट्स भी पाए जाते हैं, जैसे फ्लेवोनॉइड्स, ट्राइटरपेनॉइड्स, सेस्क्विटर्पेन्स, ग्लाइकोसाइड्स, अल्कलॉइड्स, सैपोनिन्स और अन्य फेनोलिक कंपाउड. ये कंपाउड रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और डायबिटीज, कैंसर, पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियों, न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों और हार्ट संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मददगार है. अमरूद पत्तों से एसेंशिएल तेल पाया जाता है जिसमें भी एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल गुण होता है.

अध्ययन में अमरूद के पत्तों से बनी चाय और फूड के बीच अंतर क्रिया को परखा गया तो पाया गया है कि इस चाय से पेट में जाने वाले भोजन का कोई रिएक्शन नहीं करता है. जापान में अमरूद के पत्तों से बनी चाय को बेचा जाता है. जापा में डायबिटीज के जोखिम वाले व्यक्ति इस पेय की पीते हैं. भोजन के बाद ब्लड शुगर में तेज़ वृद्धि को रोकने के लिए अमरूद के पत्ते की चाय का सेवन करते हैं. इस चाय में कार्बोहाइड्रेट और पॉलीफेनॉल होते हैं, जो पाचन एंजाइम से बंध जाते हैं और डाइट में मौजूद शर्करा या वसा के कम अवशोषण के माध्यम से स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं. इससे आंखों की रेटिना हेल्दी रहती है.

इसे बनाने के लिए 4–5 अमरूद की पत्तियों को अच्छी तरह धोकर उन पर लगी धूल या गंदगी हटा दें. एक पैन में 2 कप पानी गरम करें. पानी को उबाल आने तक गरम करें और फिर इसमें पत्तियां डालें. धीमी आंच पर 10–12 मिनट तक पकने दें. आंच बंद कर दें, ढक दें और चाय को 5 मिनट तक ऐसे ही रहने दें ताकि यह अच्छी तरह से भीगकर तैयार हो जाए. इसे कप में छान लें. चाहें तो इसमें शहद या नींबू डालें और गरम-गरम आनंद लें.

टीओआई की खबर में होम्योपैथी के डॉक्टर डॉ. सहज जोशी ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया है कि ताज़ी अमरूद की पत्तियां विटामिन ए का एक शक्तिशाली और प्राकृतिक स्रोत हैं. यह आंखों की सेहत के लिए जरूरी है. अमरूद की पत्तियों में मौजूद विटामिन ए त्वचा में ग्लो लाने, इम्यूनिटी को मजबूत करने और कोशिकाओं के विकास में भी मदद करता है.

डॉ. जोशी के अनुसार इनमें फ्लेवोनोइड्स और टैनिन होते हैं, जो रेटिना को पुनर्जीवित करने में मदद करते हैं. अपने वीडियो में वे बताते हैं कि यह संयोजन आंखों की सूखापन को कम करने में सहायक है और उम्र से जुड़ी धुंधली दृष्टि को रोक सकता है. अपने पोस्ट में वे कहते हैं कि पारंपरिक रूप से इसका उपयोग चक्कर आना, आंखों की थकान और हाथ-पैर कांपने में मदद के लिए किया जाता है. आयुर्वेद में भी अमरूद की पत्तियों को रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में उपयोगी माना गया है, जो इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने और शर्करा के अवशोषण को कम करने की क्षमता के कारण मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी होती हैं.

अमरूद के पत्तों की चाय में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है जो स्किन की इलास्टिसिटी बढ़ाने में बहुत मददगार साबित होते हैं. अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है और इसे चिकित्सीय सलाह नहीं माना जाना चाहिए. कोई भी नया स्वास्थ्य संबंधी नियम शुरू करने से पहले हमेशा अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें.