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What is Resistance hypertension: भारत में साढ़े 7 करोड़ लोगों को हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर हैं. चिंता की बात यह है कि इनमें से कुछ मरीजों को दवा खाने पर भी ब्लड प्रेशर कम नहीं होता है. इससे स्ट्रोक का खतरा बहुत ज्यादा रहता है. आखिर इस बीमारी का क्या इलाज है, इसके बारे में हमने फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के चेयरमैन डॉ प्रवीर अग्रवाल से बात की.
What is Resistance hypertension: हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन साइलेंट किलर बीमारी है. इसमें अचानक स्ट्रोक का खतरा ज्यादा रहता है और इसमें मरीज की मौत तत्काल होने का खतरा रहता है. चिंता की बात यह है कि भारत में साढ़े 7 करोड़ लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी है जिनमें सिर्फ 45 प्रतिशत को यह पता है कि उन्हें हाई बीपी की बीमारी है. इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि इनमें से 13 प्रतिशत मरीजों में ही हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल हो पाता है. बाकी में हमेशा आउट ऑफ कंट्रोल रहता है. इस स्थिति में कुछ मरीज ऐसे भी हैं जो दवा तो खाते हैं लेकिन इसके बावजूद उनका बीपी कम नहीं रहता. हमेशा बीपी तेज रहता है. इस स्थिति को रेजिस्टेंस हाइपरटेंशन कहा जाता है. इसमें हमेशा स्ट्रोक का खतरा रहता है. ऐसे में इस बीमारी से बचने के क्या उपाय है, इस पर हमने फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के चेयरमैन डॉ. प्रवीर अग्रवाल से बात की.
कितनी जटिल है रेजिस्टेंस हाइपरटेंशन की बीमारी
रेजिस्टेंस हाइपरटेंशन के लक्षण
डॉ. प्रवीर अग्रवाल कहते हैं कि मुश्किल यही है कि इस बीमारी के लक्षण बहुत मुश्किल से ही पहचाने जाते हैं. जब तक कि कोई बड़ी परेशानी न हो जाए तब तक इसके लक्षण को भांपना कठिन है.जब मामला बिगड़ने लगता है तब सिरदर्द, घबराहट या नाक से खून बहना जैसे लक्षणें दिखाई देने लगते हैं.इसकी शुरुआती पहचान मेडिकल जांच से ही होती है लेकिन इससे भी ज्यादा इसकी निगरानी करनी जरूरी है क्योंकि आमतौर पर लोग बीपी की जांच कुछ दिन करते हैं और फिर छोड़ देते हैं.
जब न घटें बीपी तो क्या करें
रेजिस्टेंट हाइपरटेंशन यानी दवा खाने के बावजूद जब ब्लड प्रेशर न घटे तो क्या करना चाहिए. डॉ. प्रवीर अग्रवाल कहते हैं कि आपको स्पेस्लाइज्ड यानी विशेषज्ञ डॉक्टरों से दिखाना चाहिए. हालांकि इसमें सिर्फ दवा खाने से सुधार नहीं हो सकता. इसके लिए कई तरह के बदलाव करने पड़ते हैं. खासकर लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी है.
इसका क्या है इलाज
डॉ. प्रवीर अग्रवाल कहते हैं कि रेजिस्टेंस ब्लड प्रेशर के लिए आपको सही डॉक्टरों से दिखाना चाहिए और डॉक्टरों की सलाह से लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाना चाहिए. इसमें दवा के अलावा आजकल रेनल डिनर्वेशन थेरेपी दी जाती है. इसमें छोटी सी सूई की मदद से धमनियों में रेडियो फ्रीक्वेंसी पहुंचाई जाती है. दरअसल, दवा खाने के बावजूद ब्लड प्रेशर इसलिए कम नहीं होता क्योंकि धमनियों से चिपके कुछ नसें अति संवेदनशील हो जाती है. रीनल डेनर्वेशन के प्रोसीजर में थाई या गर्दन के पास धमनी में एक कैथेडर घुसा दी जाती है और उससे रेडियोफ्रीक्वेंसी को पास कराया जाता है. इससे किडनी की धमनियों में स्थित इन अति संवेदनशील नसों को जलाया जाता है. इससे उन नसों की सक्रियता कम हो जाती है और ब्लड प्रेशर घट जाता है.
दवा के अलावा क्या करें
डॉ. प्रवीर अग्रवाल के मुताबिक रेजिस्टेंस ब्लड प्रेशर के लिए दवा से बेहतर काम आपकी हेल्दी लाइफस्टाइल करेगी. इसके लिए आपको नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की जरूरत है. साथ ही तनाव को कम करना और पर्याप्त नींद लेना भी जरूरी है. नमक कम खाना, स्वस्थ वजन बनाए रखना, रोजाना व्यायाम करना और तनाव को कंट्रोल करना, ये सब ब्लड प्रेशर को बेहतर तरीके से कंट्रोल करने में मदद करते हैं. खान-पान में आपको कुदरती खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करना होगा. जितनी बाहर की चीजें कम खाएंगे उतना फायदा होगा. खाने में डैश डाइट को महत्व देना चाहिए. जैसे खाने के तरीके में बदलाव जो फल, सब्जियां, साबुत अनाज, कम चर्बी वाली दूध की चीजें और कम वसा वाले प्रोटीन पर फोकस करना चाहिए. डॉ. प्रवीर अग्रवाल बताते हैं कि रेजिस्टेंट हाइपरटेंशन जिद्दी हो सकता है लेकिन इसे काबू करना नामुमकिन नहीं है. बस आपको लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाना होगा.
Excelled with colors in media industry, enriched more than 19 years of professional experience. Lakshmi Narayan is currently leading the Lifestyle, Health, and Religion section at News18. His role blends in-dep…और पढ़ें
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