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Patna Portable hospital Bhishma Cube: भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा बनाया गया भीष्म क्यूब दुनिया का पहला पोर्टेबल अस्पताल है, जो 20 मिनट में तैयार होता है. पटना एम्स में इसका डेमो 29 जुलाई को होगा.
<strong>पटना:</strong> किसी आपदा में अब तक एम्बुलेंस घटनास्थल तक पहुंचता है, लेकिन अब सीधा अस्पताल ही मरीजों तक पहुंच जायेगा. एक खास क्यूब, जिससे मात्र 20 मिनट में अस्पताल और 12 मिनट में ऑपरेशन थिएटर कहीं भी बनाया जा सकता है. इस खास पोर्टेबल हॉस्पिटल का नाम भीष्म क्यूब है.

यह दुनिया का पहला पोर्टेबल अस्पताल है, जिसे भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने बनाया है. पटना एम्स को भी इसकी एक यूनिट दी गई है. हाईटेक हेल्थ भीष्म को पहली बार जनवरी में अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान प्रदर्शित किया गया था. अब पटना एम्स में आज यानी 29 जुलाई को प्रदर्शित की जायेगी

इस खास क्यूब में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और मॉनिटरिंग डिवाइस जैसी सुविधाएं मिलेंगी. एक क्यूब 72 मिनी क्यूब से बना होता है. इसमें 200 रोगियों तक का इलाज किया जा सकता है. बन्दूक की गोली लगने के घाव, जलने, सिर, रीढ़ की हड्डी और छाती की चोटों, छोटी सर्जरी, फ्रैक्चर और गंभीर बल्ड लॉस को कंट्रोल किया जा सकता है.

ये क्यूब हल्के और पोर्टेबल हैं, और एयरड्रॉप से लेकर जमीनी परिवहन तक, कहीं भी तेज़ी से तैनात किए जा सकते हैं. इसका अधिकतम वजन मात्र 20 किलोग्राम होता है. इसे कहीं भी ले जाया जा सकता है. इससे लिमिटेड मात्रा में अपनी जरूरत के अनुसार बिजली और ऑक्सीजन में बनाया जा सकता है.

यह एक तरह का ट्रॉमा केयर सेंटर की तरह काम करता है. इसे पहाड़ी, ग्रामीण और सीमावर्ती इलाकों में तुरंत तैनात किया जा सकता है. इसके जरिए प्रतिदिन 10-15 सर्जरी किया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन को भी यह पोर्टेबल अस्पताल गिफ्ट किया था.

अब यह तकनीक आम जनता की जान बचाने के लिए भारत में इस्तेमाल होगी. देश के सभी एम्स को एक एक यूनिट दी गई है. इसी सिलसिले में पटना एम्स को भी एक यूनिट मिला है. आज इसका एक डेमो पटना एम्स में किया जायेगा.