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Bhopal Meat Shop News: नगर निगम ने राजधानी में मांस बिक्री पर 10 दिन के लिए पाबंदी लगा दी है. मांस दुकानदारों को इस दौरान दुकान नहीं खेलने को कहा गया है..
हाइलाइट्स
- भोपाल में 10 दिन तक मांस-मछली की बिक्री पर पाबंदी
- आदेश उल्लंघन पर दुकानदारों का लाइसेंस निरस्त होगा
- धार्मिक और राष्ट्रीय पर्वों के कारण पाबंदी लगाई गई
भोपाल: राजधानी भोपाल में नगर निगम ने धार्मिक और राष्ट्रीय पर्वों को देखते हुए मांस-मछली की बिक्री पर सख्त पाबंदी लगाई है. 15 से 21 अक्टूबर तक लगातार 10 दिनों तक मांस-मछली की दुकानें पूरी तरह बंद रहेंगी. इस दौरान यदि कोई दुकानदार चोरी-छिपे विक्रय करता पाया गया, तो नगर निगम उसका लाइसेंस निरस्त कर देगा.
इसके अलावा कई अन्य विशेष अवसरों पर भी मांस-मछली की बिक्री पर रोक लगाई गई है. 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 16 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी पर भी दुकानों को बंद रखना अनिवार्य होगा. 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी और 28 अगस्त को प्रयूषण पर्व के दिन भी यही प्रतिबंध लागू रहेगा.
21 अक्टूबर को भगवान महावीर के 2500वें निर्वाण दिवस पर भी मांस-मछली की बिक्री नहीं होगी. नगर निगम ने सभी विक्रेताओं को चेतावनी दी है कि आदेश का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
कांग्रेस ने जताई आपत्ति, इनका भी ध्यान दे सरकार
त्योहारी सीजन में 10 दिन तक मांस-मछली की दुकानों को बंद रखने के फैसले पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है. कांग्रेस प्रवक्ता फिरोज सिद्दीकी ने कहा कि सरकार ने अगले 10 दिनों तक दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया है, यह ठीक है, लेकिन अब सरकार को यह भी सोचना चाहिए कि इससे रोज कमाकर अपना घर चलाने वाले कमजोर तबके के लोगों पर क्या असर पड़ेगा. सिद्दीकी ने कहा, सरकार खुद बूचड़खाने और पोल्ट्री फार्म को सब्सिडी देती है, बैंकों से लोन दिलवाती है, तो फिर इन 10 दिनों के नुकसान की भरपाई भी सरकार को ही करनी चाहिए और प्रभावित लोगों को मुआवजा देना चाहिए. सवाल उठाया, जब मांस-मछली की दुकानें बंद की जा रही हैं तो शराब की दुकानें क्यों खुली रहेंगी?
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