Cabinet Decision For Ujjawala Subsidiary: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत 12,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को स्वीकृति दी गई. सरकार के इस निर्णय से देश के करीब 10.33 करोड़ परिवारों को लाभ मिलेगा.
उज्ज्वला योजना के लाभार्थी को 300 की सब्सिडी
मई 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना का उद्देश्य देश के गरीब परिवारों की महिलाओं को बिना किसी सुरक्षा जमा के एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना था. सबसे खास बात यह है कि 1 जुलाई 2025 तक देश में उज्ज्वला योजना के तहत लगभग 10.33 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके हैं. उज्ज्वला योजना 2.0 के तहत पहला रिफिल और चूल्हा सरकार की ओर से निःशुल्क दिया जा रहा है.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार: “केन्द्रीय कैबिनेट ने वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के लाभार्थियों को प्रति वर्ष 9 गैस सिलेंडरों पर 300 रुपये प्रति सिलेंडर की लक्षित सब्सिडी को मंजूरी दे दी है. इस पर कुल 12,000 करोड़ का खर्च अनुमानित है.” यह ध्यान देने योग्य है कि भारत अपनी रसोई गैस जरूरतों का लगभग 60 प्रतिशत आयात करता है, जिससे सब्सिडी का यह कदम सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो जाता है.
महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारना मकसद
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का असल मकसद वंचित परिवारों तक स्वच्छ रसोई ईंधन के लाभ का दायरा बढ़ाना है. इसके जरिए सब्सिडी वाले एलपीजी कनेक्शन देकर पारंपरिक ईंधन के इस्तेमाल को कम करना है, ताकि उनके स्वास्थ्य से जुड़े खतरों को कम किया जा सके. इसके साथ ही, महिलाओं को सशक्त बनाकर उनके जीवन स्तर में सुधार लाया जा सके. जाहिर है, सरकार को इस योजना में काफी हद तक सफलता मिली भी है.
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