एसिडिटी हो या पेट दर्द… इन 2 चीजों के साथ खाएं सोंठ, कैंसर का खतरा भी रहेगा कम

Benefits of dry ginger or sonth: भारतीय रसोई में उपयोग होने वाले पारंपरिक मसालों में से एक, सोंठ यानी ड्राई जिंजर पाउडर, न केवल स्वाद को बढ़ाने का काम करता है बल्कि यह एक प्रभावशाली औषधि भी है. आयुर्वेद में इसे विशेष स्थान प्राप्त है. यह ताजी अदरक को सुखाकर तैयार की जाती है, लेकिन सुखाने की प्रक्रिया के दौरान इसमें ऐसे गुण उत्पन्न हो जाते हैं जो ताजे अदरक से अलग और अधिक प्रभावशाली माने जाते हैं. जहां ताजे अदरक में तीखापन और रस होता है, वहीं सोंठ में ऊष्मा, स्थायित्व और औषधीय तत्व अधिक होते हैं. खासकर मानसून जैसे संक्रमण वाले मौसम में, जब शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, तो सोंठ का सेवन विशेष लाभदायक माना जाता है.

सोंठ में मौजूद पोषक और औषधीय तत्वों की बात करें तो, यह पाउडर पोषण का भंडार है. अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, सोंठ में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, फोलिक एसिड, विटामिन ए और विटामिन सी जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके अलावा, इसमें मौजूद जैविक तत्व जैसे जिंजेरोल्स, शोगोल्स, जिंगिबेरीन, लिंलालूल, लिमोनीन और गेरानियोल शरीर को भीतर से मजबूत बनाने में मदद करते हैं. ये तत्व न केवल पाचन क्रिया को दुरुस्त करते हैं, बल्कि शरीर में होने वाली सूजन को कम करने, दर्द से राहत दिलाने और इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम भी करते हैं.

अगर आप अक्सर गैस, अपच, सर्दी-खांसी या गले में खराश जैसी समस्याओं से परेशान रहते हैं, तो सोंठ का सेवन एक रामबाण इलाज हो सकता है. सोंठ से बनी चाय या काढ़ा पीने से तुरंत राहत मिलती है. यही नहीं, जोड़ों के दर्द, सर्द हवाओं से होने वाली अकड़न या आंतरिक जकड़न में भी सोंठ का तेल या लेप कारगर होता है. सोंठ में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को हानिकारक टॉक्सिन्स से मुक्त करते हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं.

सोंठ की तासीर गर्म मानी जाती है, इसलिए इसका सेवन विशेष रूप से ठंड और बरसात के मौसम में फायदेमंद रहता है. आयुर्वेद के अनुसार, सोंठ त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करती है, विशेषकर वात और कफ को शांत करने का काम करती है. सर्दियों में सोंठ वाली चाय या काढ़ा शरीर में ऊर्जा बनाए रखने के साथ गर्माहट भी देता है. इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) जैसी पेट से जुड़ी समस्याओं में सोंठ का सेवन बेहद लाभकारी माना गया है. अगर IBS को नजरअंदाज किया जाए तो कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में सोंठ को घी और मिश्री के साथ भोजन के बाद लिया जाए, तो यह आंतों की मरोड़, एसिडिटी और पेट दर्द जैसी समस्याओं को भी दूर करता है.

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मानसून के दौरान होने वाले सर्दी, बुखार, गले की खराश, फ्लू जैसी समस्याओं से भी सोंठ बहुत प्रभावी रूप से लड़ती है. इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबायोटिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण इसे एक प्राकृतिक प्रतिरोधक बनाते हैं. अगर आप रोजाना सोंठ का पानी या सोंठ मिला गर्म पानी पीते हैं, तो यह आपकी इम्यूनिटी को धीरे-धीरे बेहतर करता है और आपको बार-बार बीमार पड़ने से बचा सकता है.

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