बकायन आयुर्वेद का चमत्कारी वृक्ष, सेहत के लिए वरदान, फूल, फल, छाल, पत्तियां सभी औषधीय गुणों से भरपूर

Benefits of chinaberry or bakayan ke fayde: आयुर्वेद में कई ऐसे पेड़-पौधों का जिक्र मिलता है, जो बेहद फायदेमंद होते हैं. ऐसा ही एक पेड़ है बकायन. इसमें भी कई ऐसी औषधियां हैं, जिनके सेवन से तंदुरुस्त रहा जा सकता है. बकायन को महानिम्ब या अजेदारच भी कहते हैं. बकायन के फल, फूल, पत्ते, छाल, जड़ सभी फायदेमंद हैं और इनका इस्तेमाल कई रोगों के इलाज में किया जाता है. बकायन के फायदे जानें यहां…

बकायन के फायदे

-बकायन का वैज्ञानिक नाम ‘मेलिया अजेडाराच’ है. काफी हद तक ये पेड़ नीम के पेड़ जैसा होता है, लेकिन इसकी पत्तियां आकार में थोड़ी बड़ी होती हैं.

-इसके फूल गुच्छों में लाल रंग के होते हैं. फल नीम के फलों जैसे ही गोल होते हैं. यह भारत में आपको कहीं भी मिल जाएगा. इसकी लकड़ी इमारती कार्यों के लिए उपयोगी है.

-सुश्रुत संहिता के अनुसार, बकायन फोड़े, चोट और घावों के उपचार में बेहद फायदेमंद है. किसी भी तरह के घाव में इसकी पत्तियों का रस लगाना लाभकारी होता है. त्वचा को निखारता है.

-यह आंखों के रोगों, मुंह के छालों, पेट दर्द और किडनी से संबंधित रोगों के संक्रमणों में भी लाभकारी माना जाता है.

-इसके फलों के बीज बवासीर की दवाओं में इस्तेमाल किए जाते हैं. इसके फूलों से बना गुलकंद बवासीर की समस्या में बेहद फायदेमंद माना जाता है.

-बकायन के फूल बवासीर में होने वाली सूजन, दर्द और रक्तस्राव को कम करने में मदद करते हैं.

-आयुर्वेद के अनुसार, बकायन कफ, पित्त और कृमि (पेट के कीड़े) का नाश करे, साथ ही खून भी करे साफ.

-आयुर्वेद में इसके फूल, फल, छाल और पत्तियां सभी औषधीय प्रयोजनों के लिए उपयोग में लाई जाती हैं. यह आंखों की कमजोरी, पानी आना, लालिमा और खुजली जैसे रोगों को दूर करने में भी सहायक है.

-इसकी तासीर गर्म होती है, इसलिए प्रेग्नेंसी में इसका इस्तेमाल न करें. गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को भी विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. डॉक्टर से सलाह लेकर ही सेवन करें.

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