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आईआईटी पटना के इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अभिनय कुमार सिंह ने एक आर्टिफिशियल पैनक्रियाज का निर्माण किया है जो डायबिटीज मरीजों के लिए वरदान साबित होने वाला है. यह इलाज का नया तकनीक है.
आईआईटी पटना के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अभिनय कुमार सिंह ने एक ऐसा आर्टिसिफिशल पैनक्रियाज विकसित किया है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा. यह अपने आप खून में शुगर को कंट्रोल करेगा.

डॉ. अभिनय कुमार सिंह द्वारा विकसित आर्टिफिशियल पैनक्रियाज को अमेरिका में पेटेंट मिल गया है. यह तकनीक डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों के लिए एक नई उम्मीद के रूप में देखी जा रही है, क्योंकि यह उनके जीवन को बहुत ही आसान और सुरक्षित बना सकती है.

आर्टिफिशियल पैनक्रियाज एक उन्नत बायोइलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो शरीर में प्मौजूद रहने वाले नेचुरल पैनक्रियाज की तरह काम करता है. यह ब्लड शुगर के लेवल को खुद ही कंट्रोल करता है और इंसुलिन की जरूरत को सही समय पर पूरा करने में मदद करता है. इसके इस्तेमाल से डायबिटीज के मरीजों को बार-बार ब्लड शुगर चेक करने और इंजेक्शन लेने की परेशानी कम हो सकती है.

इस डिवाइस का सबसे खास हिस्सा है कंटीन्युअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग (सीजीएम) सिस्टम. यह सिस्टम लगातार ब्लड शुगर की जांच करता रहता है और मरीज को रियल टाइम में सही जानकारी उपलब्ध कराता है. मरीज इस जानकारी के आधार पर इंसुलिन लेने का निर्णय ले सकता है और कई मामलों में यह तकनीक उसे इंसुलिन लेने से भी बचा सकती है.

इस खास डिवाइस को डॉ. अभिनय ने अकेले नहीं, बल्कि अमेरिका के मिहाइलो वी. रेबेक और कनाडा के अहमद हैदर के साथ मिलकर पूरा किया है. उनका रिसर्च मूल रूप से “इंजीनियरिंग और तकनीकी समस्याओं के गणितीय समाधान” पर केंद्रित है.