भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने अपने संयुक्त सचिव बलजीत सिंह सेखों को निलंबित कर दिया है और जर्मनी के राइन-रुहर में चल रहे विश्व विश्वविद्यालय खेलों के लिए चुने गए खिलाड़ियों के प्रतियोगिता में भाग लेने से चूकने के कुप्रबंधन की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच पैनल का गठन किया है।
भारतीय बैडमिंटन टीम ने इस प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था लेकिन उस समय विवाद पैदा हो गया जब ये बात सामने आई है कि 16 जुलाई को टीम मैनेजरों की बैठक के दौरान भारतीय अधिकारियों द्वारा सभी नामों को सही ढंग से प्रस्तुत न कर पाने के कारण चुने गए 12 खिलाड़ियों में से 6 को भाग लेने से रोक दिया गया था।
एआईयू ने हालांकि, कहा कि एफआईएसयू के साथ बातचीत के बाद टीम के सभी 12 सदस्यों को पदक और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं, जैसा कि नियम है। रोहन कुमार, दर्शन पुजारी, अदिति भट्ट, अभिनाश मोहंती, विराज कुवले और अलीशा खान भारत की 12 सदस्यीय टीम का हिस्सा थे लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला।
महिलाओं की 400 मीटर दौड़ की धाविका देवयानी बाजाल ने भी आरोप लगाया कि अधिकारियों की गलती के कारण वह भी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पाई। एआईयू के महासचिव पंकज मित्तल ने कहा कि, जांच पैनल पूरे मामले की जांच करेगा और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए हमने अपने संयुक्त सचिव बलजीत सिंह सेखों को निलंबित करने का फैसला किया है। पैनल 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
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