AIFF अध्यक्ष कल्याण चौबे का बयान, कहा- भारतीय क्लब फुटबॉल संकट से गुजर रहा है

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने रविवार को स्वीकार किया कि देश की शीर्ष स्तरीय इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के भविष्य को लेकर अनिश्चितता के कारण क्लब फुटबॉल ‘संकट से गुजर रहा है’ और इससे उबरने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।

आईएसएल के आयोजक एफएसडीएल ने एआईएफएफ के साथ 2010 में किए एमआरए (मास्टर अधिकार करार) के नवीनीकरण को लेकर अनिश्चितता के कारण 11 जुलाई को 2025-26 सत्र को ‘स्थगित’ करने का फैसला किया था जिसके बाद तीन क्लबों ने या तो अपनी शीर्ष टीम का संचालन रोक दिया है या शीर्ष टीम के खिलाड़ियों और कर्मचारियों के वेतन निलंबित कर दिए हैं।

चौबे ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘यह सच है कि हम एक ऐसे संकट से गुजर रहे हैं जिसके लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। निहित स्वार्थों वाले कुछ स्वयंभू सुधारकों ने यह स्थिति पैदा की है। मुझे विश्वास है कि ईश्वर की कृपा से हम सामूहिक रूप से इस संकट से उबर पाएंगे।’’

चौबे ने 11 आईएसएल क्लबों द्वारा भारतीय फुटबॉल की ‘मौजूदा स्थिति’ को उच्चतम न्यायालय के ध्यान में लाने के अनुरोध पर भी आश्चर्य व्यक्त किया जहां राष्ट्रीय महासंघ के संविधान से संबंधित एक मामला लंबित है।
आईएसएल क्लबों ने एक पत्र में कहा कि अगर एआईएफएफ उनके अनुरोध पर कार्रवाई नहीं करता है तो उनके पास स्वतंत्र रूप से न्यायिक सहायता लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।

आईएसएल के 13 क्लबों में से मोहन बागान सुपर जाइंट और ईस्ट बंगाल ने पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
चौबे ने कहा, ‘‘इस मामले पर (सात अगस्त को दिल्ली में) सभी 13 क्लबों के सीईओ के साथ बैठक में चर्चा हुई थी इसलिए 24 घंटे के भीतर उनसे यह पत्र प्राप्त करना हमारे लिए आश्चर्य की बात थी। इस तरह के संवाद से बचा जा सकता था।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या एआईएफएफ इस मामले पर स्पष्टता के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है तो उन्होंने कहा, ‘‘हम इस संभावना पर कानूनी सलाह ले रहे हैं।’’

एआईएफएफ ने सात अगस्त को कहा था कि सुपर कप की तारीख तय करने के लिए क्लबों के साथ एक और बैठक होगी जो खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धी मैच देने के लिए सितंबर में आयोजित किया जा सकता है।
चौबे ने कहा, ‘‘अगले कुछ दिनों में हम कानूनी सलाह लेंगे। उसके बाद हम क्लबों से फिर मिल सकते हैं लेकिन यह 17 अगस्त के बाद ही होगा।’’


क्लबों के राजस्व घाटे की भरपाई के लिए किसी भी योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए फिर से मिलेंगे।’’
चौबे से जब पूछा गया कि क्या एआईएफएफ अकेले आईएसएल की मेजबानी कर सकता है तो उन्होंने कहा, ‘‘सभी विकल्प खुले हैं। हालांकि सभी हितधारकों द्वारा एक सामूहिक समझौता और उसके बाद कोई फैसला करना बेहतर होगा।’’


एआईएफएफ और एफएसडीएल के बीच 2010 में हुए एमआरए के नवीनीकरण पर चर्चा के लिए पहली बैठक फरवरी में हुई थी और चौबे से जब इस संबंध में देरी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
चौबे ने कहा, ‘‘मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। लेकिन जब भी आवश्यकता होगी तो एआईएफएफ फुटबॉल के विकास से संबंधित किसी भी बैठक के लिए हमेशा उपलब्ध रहा है और रहेगा।

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