कपड़े-ज्वैलरी से बीयर तक… 3 साल इंतजार के बाद भारत-UK ट्रेड डील से इन सेक्टरों में आएगी बहार

India-UK FTA: करीब तीन साल तक चली लंबी बातचीत के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) होने जा रहा है. पीएम मोदी के यूके दौरे में गुरुवार को इस समझौते पर मुहर लगने की संभावना है. 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी का ये चौथा दौरा है, जब वे अपने समकक्ष कीर स्टार्मर के साथ व्यापार, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और शिक्षा पर चर्चा करेंगे. 

एक दशक में पहली बार है जब किसी विकसित अर्थव्यवस्था के साथ भारत का महत्वपूर्ण द्विपक्षीय समझौता होने जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि ब्रिटिश संसद और भारतीय केन्द्रीय मंत्रिमंडल से कानूनी तौर पर पास होकर लागू होने में इसे एक साल का समय लग जाएगा.

मुक्त व्यापार समझौते का मकसद क्या है?

दरअसल, मुक्त व्यापार समझौता करने का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है. इस समय ब्रिटेन में करीब एक हजार से ज्यादा भारतीय कंपनियां कारोबार कर रही हैं. इनमें करीब एक लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है और 20 बिलियन डॉलर (यानी 1.73 लाख करोड़ रुपये) का निवेश हुआ है.

दूसरी तरफ ब्रिटेन की तरफ से भारत में 36 बिलियन डॉलर (यानी करीब 3.11 लाख करोड़ रुपये) का निवेश किया गया है, जो भारत में छठा दुनिया का सबसे बड़ा निवेशक है. 

अब सवाल उठ रहा है कि आखिर भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता होने से किसे क्या फायदा होने वाला है?

ब्रिटेन को होने वाले फायदे

मुक्त व्यापार समझौते के बाद भारत से एक्सपोर्ट होने वाले करीब 99 प्रतिशत सामानों के ऊपर टैरिफ शून्य हो जाएगा. फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का सीधा फायदा भारत के कपड़ा उद्योग, जूते, ऑटो पार्ट्स, ज्वैलरी, फर्नीचर, खेलकूद के सामान, कैमिकल्स और मशीनरी की कीमतों पर पड़ेगा. इन सामानों के ऊपर इस समय ब्रिटेन में चार से लेकर 16 प्रतिशत तक टैरिफ देना पड़ता है. इसके साथ ही, भारत में बनी इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियों के निर्माता भी इस नए कोटा सिस्टम का फायदा उठाएंगे.   

भारत को होने वाले फायदे

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के बाद ब्रिटेन से आयातित व्हिस्की पर लगने वाले सीमा शुल्क में 75 प्रतिशत से 150 प्रतिशत तक फौरन कमी आएगी. इसके साथ ही, अगले 10 वर्षों तक इसमें 40 प्रतिशत तक कमी देखने को मिलेगा. इसके साथ ही, ब्रिटेन में बनी जिन गाड़ियों के ऊपर इस समय 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाता है, उस पर कोटा सिस्टम के तहत टैरिफ घटकर सिर्फ 10 प्रतिशत हो जाएगा. इसके अलावा, कॉस्मैटिक्स, बिस्किट्स, सालमन मछली और मेडिकल उपकरणों की टैरिफ दरों में काफी कटौती हो जाएगी और ये सभी चीजें कम दाम पर मिलने लगेंगी.

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