मैच खत्म होने के बाद गंभीर ने तोड़ा अपना ही नियम, ऋषभ पंत को क्या कुछ कहा,जानकर हो जाएंगे हैरान

IND vs ENG 4th Test: भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में खेले गए चौथे टेस्ट मैच में टीम इंडिया के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने मैदान पर वो कर दिखाया, जो क्रिकेट इतिहास में साहस और समर्पण की मिसाल बन गया है. पंत ने पैर फ्रैक्चर होने के बावजूद बल्लेबाजी की और न सिर्फ टीम को मुश्किल हालात से उबारा, बल्कि कोच गौतम गंभीर को भी उनके नियम तोड़ने पर मजबूर कर दिया.

गंभीर ने तोड़ा अपना नियम, ड्रेसिंग रूम में पंत से क्या कहा?

गंभीर, जो बतौर कोच या खिलाड़ी कभी भी टीम स्पोर्ट्स में व्यक्तिगत तारीफ करने से बचते हैं, उन्होंने पहली बार खुद अपना नियम तोड़ दिया है. गंभीर ने सबके सामने किसी खिलाड़ी की तारीफ की. ऋषभ पंत के जज्बे से भावुक होकर गंभीर ने ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों के सामने कहा,  “मुझे व्यक्तियों के बारे में बात करना पसंद नहीं है. मैंने कभी टीम गेम में किसी एक खिलाड़ी के बारे में नहीं बोला, लेकिन आपने सिर्फ इस ड्रेसिंग रूम को नहीं, बल्कि अगली पीढ़ियों को भी प्रेरित किया है. यही आपकी विरासत है और पूरा देश आपके इस जज्बे के लिए हमेशा आप पर गर्व करेगा.”

इस स्पीच के दौरान ऋषभ पंत एकदम शांत होकर गंभीर की बात सुनते रहे थे. ड्रेसिंग रूम में मौजूद बाकी खिलाड़ी तालियों से उनका सम्मान कर रहे थे.

कैसे लगी थी ऋषभ पंत को चोट?

चौथे टेस्ट के पहले दिन बल्लेबाजी करते हुए पंत को क्रिस वोक्स की एक गेंद पर रिवर्स स्वीप खेलते वक्त दाहिने पैर में चोट लग गई थी. चोट इतनी गंभीर थी कि वह चल भी नहीं पा रहे थे. उन्हें गोल्फ-कार्ट के जरिए मैदान से बाहर ले जाना पड़ा था. स्कैन रिपोर्ट में उनके पैर में फ्रैक्चर निकला था, जिससे माना जा रहा था कि वह इस टेस्ट में आगे नहीं खेल पाएंगे.

दूसरे दिन फिर लौटे पंत

दूसरे दिन जब टीम को जरूरत थी, ऋषभ पंत लंगड़ाते हुए मैदान पर वापस बल्लेबाजी करने उतरे. मैनचेस्टर की भीड़ ने खड़े होकर तालियों के साथ उनका स्वागत किया था. इस साहसिक वापसी के साथ पंत ने 57 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली और टीम को संभालने में बड़ी भूमिका निभाई थी.

गंभीर ने क्यों की तारीफ?

गौतम गंभीर, जिन्होंने बतौर खिलाड़ी और अब कोच रहते हुए हमेशा टीमवर्क को प्राथमिकता दी, उन्होंने पंत के प्रदर्शन को ‘एक विरासत’ बताया. उन्होंने कहा कि पंत की यह जज्बे से भरी पारी सिर्फ इस मैच या टीम तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह आने वाले युवा खिलाड़ियों के लिए एक मिसाल बनेगी.

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