अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इंदौर महानगर द्वारा प्रेस्टीज UG कैंपस में लगातार हो रही अनियमितताओं, छात्रों के साथ हो रहे अन्याय के विरोध में आज उग्र आंदोलन किया गया। परिषद के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में कॉलेज पहुंचकर विरोध दर्ज करते हुए जमकर नारे
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छात्रों ने कॉलेज के डायरेक्टर एस.एस. भाकर को ज्ञापन सौंपने का प्रयास किया, लेकिन वे बाहर नहीं आए। इस बीच पुलिस पहुंची तो धक्का-मुक्की भी हुई। इसी दौरान पुलिसकर्मी त्रिलोक गुर्जर ने एक कार्यकर्ता को जीप में बैठाने की कोशिश की, लेकिन छात्र अड़े रहे।
पुलिस कार्रवाई के विरोध में तीन घंटे तक चला आंदोलन
परिषद ने इस घटना को अत्यंत निंदनीय बताया और कहा कि छात्राओं के साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए कार्यकर्ताओं ने तीन घंटे तक आंदोलन जारी रखा और परिसर में ही अपनी मांगों को प्रमुखता से रखा ।
उनकी मांग है कि कॉलेज में विद्यार्थियों के लिए स्वयं का खेल मैदान उपलब्ध कराया जाए ताकि खेल और सहशैक्षणिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिल सके। भवन की जर्जर छतों की तत्काल मरम्मत की जाए ताकि कक्षाओं में सीलन और पानी टपकने की समस्या समाप्त हो, लेट फीस की अनुचित वसूली को तुरंत रोका जाए, जिससे विद्यार्थियों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ न पड़े।
फीस जमा न करने पर परीक्षा से वंचित करने या निष्कासन जैसी अमानवीय नीतियों पर रोक लगाई जाए और विद्यार्थियों के प्रति लगातार अभद्र व्यवहार करने वाले डायरेक्टर एस.एस. भाकर को तत्काल पद से हटाया जाए ताकि कॉलेज में स्वस्थ और भयमुक्त शैक्षणिक वातावरण स्थापित हो सके।
7 दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र आंदोलन करेगी विद्यार्थी परिषद
महानगर मंत्री देवेश गुर्जर ने कॉलेज प्रशासन को सात दिनों का समय देते हुए चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय सीमा में इन सभी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो विद्यार्थी परिषद आगामी चरण में व्यापक उग्र आंदोलन करेगी। परिषद ने स्पष्ट कहा है कि प्रेस्टीज कॉलेज के छात्रों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए वह हर स्तर पर संघर्ष करेगी और प्रशासनिक दमन के आगे नहीं झुकेगी।
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