3 साल से बेंच पर बैठे अभिमन्यु ईश्वरन के पिता का फूटा गुस्सा; गंभीर-गिल को सुनाई खरी खोटी!

अभिमन्यु ईश्वरन इंग्लैंड दौरे पर भी बेंच पर बैठे रहे, 5वें टेस्ट में भी उन्हें प्लेइंग 11 में जगह नहीं मिली. इसके बाद उनके पिता के सब्र का बांध टूट गया. टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि वह इंग्लैंड दौरे की शुरुआत से बेटे के लगातार संपर्क में हैं और ऐसा लगता है कि वह थोड़ा डिप्रेशन में हैं. उन्होंने ये भी कहा कि कुछ खिलाड़ियों को आईपीएल में खेल के जरिए टेस्ट टीम में चुन लिया जाता है.

इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही सीरीज शुभमन गिल की बतौर कप्तान पहली टेस्ट सीरीज है. इसका आखिरी टेस्ट द ओवल में खेला जा रहा है. माना जा रहा था कि हेड कोच गौतम गंभीर और कप्तान गिल इस दौरे पर अभिमन्यु ईश्वरन को डेब्यू का मौका दे सकते हैं. हालांकि ऐसा नहीं हुआ. उनके पिता ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए कहा कि क्यों करुण नायर को उनके बेटे से पहले तवज्जो दी गई. उन्होंने कहा कि अभिमन्यु ने न केवल घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है, बल्कि उन्हें दलीप ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी और पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भी चुना गया था.

अभिमन्यु ईश्वरन के पिता का फूटा गुस्सा

अभिमन्यु ईश्वरन के पिता रंगनाथन ने कहा, “मैं अभिमन्यु के टेस्ट डेब्यू के लिए दिन नहीं बल्कि सालों से इंतजार कर रहा हूं. अब 3 साल हो चुके हैं. एक खिलाड़ी का काम क्या होता है? रन बनाना, उसने वो किया है. लोगों ने कहा कि उसने ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे में इंडिया-ए के दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और इस वजह से टीम में जगह नहीं बना पाए, जो कि सही भी है. लेकिन जब अभिमन्यु ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी से पहले अच्छा प्रदर्शन किया था, उस दौरान करुण नायर टीम में नहीं थे. करुण को दलीप ट्रॉफी या ईरानी ट्रॉफी के लिए नहीं चुना गया था. अगर आप पिछले साल से लेकर इस साल तक के समय को देखें तो अभिमन्यु ने लगभग 864 रन बनाए हैं. तो फिर वह तुलना कैसे कर सकते हैं? मुझे समझ नहीं आता. उन्होंने करुण नायर को मौका दिया. ठीक है, उन्होंने 800 से ज़्यादा रन बनाए. चयनकर्ताओं ने उन पर भरोसा जताया है.”

अभिमन्यु ईश्वरन के पिता ने कहा कि वह इंग्लैंड दौरे की शुरुआत से बेटे को मोटीवेट रखने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने हैरानी जताई कि खिलाड़ियों को आईपीएल के प्रदर्शन के आधार पर टेस्ट टीम में जगह कैसे मिलती है.

उन्होंने कहा, “मेरा बेटा थोड़ा डिप्रेस्ड है, ऐसा स्वाभाविक भी है. कुछ प्लेयर्स आईपीएल में अपने प्रदर्शन के दम पर टेस्ट टीम में जगह बना लेते हैं. टेस्ट क्रिकेट टीम चुनते समय आईपीएल का प्रदर्शन नहीं देखना चाहिए बल्कि रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी को आधार बनाना चाहिए.”

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