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किसी ने प्यादे को आगे बढ़ाया तो किसी ने अपने घोड़े को ढाई घर दौड़ाया। अवसर था शिक्षा विभाग की जिला स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता का, जिसमें जिलेभर के 24 शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों के लगभग 250 बालक-बालिकाओं ने भाग लिया।
प्रतियोगिता का शुभारंभ डीईओ शैलेंद्र कुमार कानूडे, प्राचार्य रेणु राय ने किया। कानूडे ने विद्यार्थियों से कहा पढ़ाई के साथ खेलों में सहभागिता अत्यंत आवश्यक है। शतरंज जैसे खेल से मानसिक विकास तेज होता है। जो खिलाड़ी यहां से चयनित होंगे, वे संभागीय स्तर पर जाएंगे। लेकिन लक्ष्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय होना चाहिए। प्राचार्य राय ने भी विद्यार्थियों को खेलों में सक्रिय सहभागिता के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि प्रतिस्पर्धा से आत्मविश्वास और रणनीतिक सोच का विकास होता है।प्रतियोगिता अंडर-14, अंडर-17 व अंडर-19 बालक-बालिका वर्ग में आयोजित हुई। इसमें खरगोन, कसरावद, मंडलेश्वर, सनावद, बड़वाह सहित जिले के विभिन्न अंचलों के खिलाड़ियों ने भाग लिया। शतरंज विशेषज्ञ एडवोकेट महेश चौरे, एडवोकेट सागर सोनी, क्रीड़ा निरीक्षक हबीब बेग मिर्जा, ईश्वर चंदेल, जबर सिंह मंडलोई आदि शामिल हुए। चयनित खिलाड़ी अब संभागीय स्तर पर जिले का प्रतिनिधित्व करेंगे।
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